
जैसा की सभी लोग जानते हैं,आजकल इंटरनेट से जुड़ी दुनिया में पॉर्न-Porn जैसी विडियो मोबाइल जैसे हर जगह मे आसानी से देखनों को मिल जाती है ,जबकि कोर्ट ने भी दो साल पहले इन पॉर्न जैसी विडियो अपलोड करने वाले चैनल और सभी तरह की वेबसाइट पर बैन लगाया था। लेकिन फिर भी सरकार की इस रोक प्रतिबंध का कुछ खास असर नहीं देखने को मिला। क्योंकि आज भी भारत में कई युवा लोग, और किशोर, इंटरनेट पर छिपे-छुपे पॉर्न वीडियोज खोजते रहते हैं। इसलिए वर्तमान समय में लोगों के दिमाग मे पॉर्न देखना एक मनोरंजन का जरिया बन गया रखा है, जो धीरे-धीरे मानसिक स्थिति खराब और लत का रूप ले लेता जा रहा है। जिसका सीधा बुरा असर केवल व्यक्ति की सेक्सुअल लाइफ पर ही नहीं, बल्कि शादीशुदा जिंदगी और रिश्तों पर भी पड़ता है।
पॉर्न देखने से दिमाग पर बुरा असर
जवान युवा की जानकारी के लिए बता दे की जर्नल जामा साइकाइट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अधिक पॉर्न देखने से व्यक्ति के दिमाग में ग्रे मैटर की मात्रा कम हो जाती है। जिससे व्यक्ति की दिमागी क्षमता और सोचने समझने कैपिसिटी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पॉर्न विडिओ देखने वालों के दिमाग की हालत में गलत तरह का बदलाव आता है जिससे वे कुछ भी नई चीजें सीखने या समझने में कठिनाई महसूस करते हैं।
पॉर्नोग्राफी की लत और यौन जीवन पर असर
जो लोग आधिक पॉर्न देखते है, उन्हे इस चीज की लत लग जाती है। फिर यह लत धीरे-धीरे इस हद तक पहुँच जाती है कि पॉर्न की छवियाँ और सीन हर वक्त दिमाग में घूमते रहते हैं। व्यक्ति सामान्य जीवन में भी अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाता और सेक्सुअल लाइफ में संतुष्टि पाने के लिए पार्टनर से भी वही मांग करता है जैसा उसने पॉर्न में देखा है। यह स्थिति रिश्तों में तनाव और असंतोष का कारण बनती है।
सेक्सुअल परफॉरमेंस में एंग्जायटी की समस्या
पॉर्न देखने की लत पुरुषों में सेक्स के दौरान एंग्जायटी यानी प्रदर्शन को लेकर चिंता (Performance Anxiety) बढ़ा सकती है। इससे सेक्सुअल परफॉरमेंस कमजोर हो जाती है और आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है। जब व्यक्ति को यौन संबंधों में पूर्ण संतुष्टि नहीं मिलती, तो इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
रिश्तों में दूरी और असंतोष
अधिक पॉर्न देखने का असर न केवल यौन संबंधों पर बल्कि सामान्य रिश्तों पर भी पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग ज्यादा पॉर्न देखते हैं, उनके आपसी संबंधों में कम संतुष्टि देखी गई है। पुरुष अपनी फीमेल पार्टनर से वही अपेक्षाएँ रखने लगते हैं जो उन्होंने पॉर्न में देखी होती हैं, जो वास्तविक जीवन में कई बार संभव नहीं होता। इससे रिश्तों में दूरी और असहमति बढ़ने लगती है।
जबरदस्ती सेक्स और मानसिक तनाव
पॉर्न फिल्में व्यक्ति के दिमाग पर इस कदर हावी हो जाती हैं कि वे हर समय यौन गतिविधियों के बारे में सोचने लगते हैं। इस स्थिति में पुरुष अपने पार्टनर पर बार-बार शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाल सकता है, भले ही उसकी मर्जी न हो। यह न केवल रिश्ते में दरार पैदा करता है बल्कि यौन जीवन में भी असंतोष और तनाव लाता है। ऐसी आदतें आगे चलकर घरेलू हिंसा और मानसिक समस्याओं की वजह भी बन सकती हैं।