
नहाने के तुरंत बाद एसी में बैठना एक आम आदत बनती जा रही है, खासकर गर्मियों के मौसम में जब तपती धूप से राहत पाने के लिए लोग ठंडी हवा की ओर भागते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह आदत आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। नहाने के बाद शरीर का तापमान सामान्य से कम होता है और ऐसे में अचानक एसी की ठंडी हवा में बैठना कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। यह आदत आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम से लेकर जोड़ों के दर्द तक कई समस्याएं हो सकती हैं।
शरीर के तापमान में अचानक गिरावट हो सकती है खतरनाक
जब कोई व्यक्ति नहाने के बाद तुरंत एसी में बैठता है, तो उसके शरीर का तापमान अचानक गिर जाता है। आम तौर पर नहाने से शरीर की त्वचा पर मौजूद रोमछिद्र खुल जाते हैं और पसीना रुक जाता है। ऐसे में जब ठंडी हवा सीधे शरीर से टकराती है तो शरीर का तापमान जल्दी-से-जल्दी नीचे गिरता है, जिससे कंपकंपी, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण दिख सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह बदलाव शरीर के थर्मोरेगुलेशन सिस्टम पर बुरा असर डालता है।
यह भी पढें-नहाते वक्त पेशाब करने की आदत? जानिए ये हेल्थ के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है
रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर
विशेषज्ञ मानते हैं कि नहाने के तुरंत बाद एसी की हवा में बैठने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ता है। अचानक ठंडी हवा लगने से शरीर का डिफेंस मैकेनिज्म कमजोर हो जाता है, जिससे वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां जल्दी पकड़ में आ सकती हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है जो पहले से ही किसी क्रॉनिक बीमारी जैसे अस्थमा, डायबिटीज या हृदय रोग से पीड़ित हैं।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द का खतरा बढ़ता है
नहाने के बाद शरीर की मांसपेशियां थोड़ी रिलैक्स अवस्था में होती हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति ठंडी हवा के संपर्क में आता है तो मांसपेशियों में संकुचन (contraction) होने लगता है। इससे मांसपेशियों में अकड़न, दर्द और जकड़न की समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में पीठ, गर्दन और कंधों के दर्द की शिकायतें आम हो जाती हैं। खासकर बुजुर्गों और जोड़ों के दर्द (Arthritis) से पीड़ित लोगों को इस आदत से विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
सिरदर्द और माइग्रेन के ट्रिगर होने की संभावना
AC की ठंडी हवा में नहाने के तुरंत बाद बैठने से सिरदर्द या माइग्रेन के मरीजों के लिए परेशानी बढ़ सकती है। नमी और तापमान के अचानक बदलाव से ब्रेन के ब्लड वेसल्स पर असर पड़ता है, जिससे सिर में भारीपन, चक्कर और कभी-कभी तेज माइग्रेन अटैक भी हो सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि माइग्रेन से जूझ रहे लोगों को तापमान के उतार-चढ़ाव से बचना चाहिए और शरीर को धीरे-धीरे सामान्य तापमान में लाना चाहिए।
त्वचा और बालों पर पड़ता है दुष्प्रभाव
नहाने के बाद त्वचा नर्म और संवेदनशील होती है। ऐसे में एसी की ठंडी और ड्राय हवा त्वचा की नमी को खींच लेती है, जिससे त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है। लगातार ऐसा करने से त्वचा में रैशेज, खुजली और एलर्जी की समस्या हो सकती है। साथ ही बालों की जड़ें भी कमजोर हो सकती हैं क्योंकि ठंडी हवा स्कैल्प को ड्राय कर देती है। त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है कि नहाने के तुरंत बाद एसी में बैठना त्वचा और बालों दोनों के लिए नुकसानदेह है।
विशेषज्ञों की राय: क्या करें, क्या न करें
विशेषज्ञों का सुझाव है कि नहाने के बाद कम से कम 15 से 20 मिनट तक सामान्य कमरे के तापमान में रहें ताकि शरीर का तापमान धीरे-धीरे स्थिर हो सके। इसके बाद ही एसी चालू करें या उस कमरे में जाएं जहाँ एसी चल रहा हो। यदि एसी में बैठना जरूरी हो तो उसका तापमान बहुत कम न रखें, आदर्श रूप से 25-27 डिग्री सेल्सियस तक रखें और शरीर को ढक कर रखें। इससे शरीर पर अचानक ठंडी हवा का असर नहीं होगा और सेहत पर नकारात्मक प्रभाव कम पड़ेगा।
नहाने और एसी के बीच सही तालमेल से बच सकते हैं बीमारियों से
गर्मी में एसी का इस्तेमाल एक जरूरत बन चुका है, लेकिन इसका इस्तेमाल समझदारी से करना बेहद जरूरी है। नहाने के बाद शरीर को समय देना और धीरे-धीरे सामान्य तापमान में लाना ही बेहतर विकल्प है। चाहे वह ऑफिस हो या घर, थोड़ा-सा ध्यान रखकर आप कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। खासतौर पर बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इस आदत से दूर रहना चाहिए।