
जिद्दी कफ या लगातार खांसी एक ऐसी समस्या है जो न सिर्फ आपकी नींद और दिनचर्या को प्रभावित करती है, बल्कि गले और छाती में जलन भी बढ़ा सकती है। ऐसे में राहत के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले आप अपने किचन में मौजूद कुछ साधारण लेकिन असरदार घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं। ये उपाय न केवल तुरंत आराम पहुंचाते हैं, बल्कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
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अदरक और शहद का मिश्रण

अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व और शहद के एंटी-बैक्टीरियल गुण मिलकर खांसी को शांत करने का काम करते हैं। अदरक गले की सूजन को कम करता है और शहद उसकी कोटिंग करता है जिससे आराम मिलता है। इस नुस्खे का दिन में दो से तीन बार सेवन करने से गले की खराश, जलन और सूखी खांसी में काफी हद तक राहत मिलती है।
भाप लेना (Steam Inhalation)
जब बलगम वाली खांसी ज्यादा परेशान कर रही हो, तो भाप लेना यानी स्टीम इनहेलेशन सबसे कारगर तरीका है। गर्म पानी से उठती भाप श्वसन नली को साफ करती है और बलगम को ढीला करने में मदद करती है। चाहें तो पानी में यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें डालकर भाप लें जिससे प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है।
नमक और हल्दी के गरारे

गर्म पानी में हल्दी और नमक मिलाकर गरारे करने से गले की सूजन कम होती है। हल्दी प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और नमक कीटाणुओं को मारता है। यह उपाय खास तौर पर सूखी खांसी या टॉन्सिल की शुरुआती समस्या में बेहद कारगर माना गया है। गरारे करने के तुरंत बाद गले में ठंडी चीजें लेने से बचें।
तुलसी और लौंग का काढ़ा
तुलसी और लौंग दोनों ही एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं। तुलसी से गले को आराम मिलता है और लौंग खांसी को कंट्रोल करता है। इस काढ़े को गर्म करके पीने से छाती में जमा बलगम धीरे-धीरे बाहर निकलने लगता है और
हल्दी वाला दूध (Golden Milk)

रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी डालकर पीना न केवल एक सदियों पुराना घरेलू उपाय है, बल्कि यह आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है। यह नुस्खा खास तौर पर उन लोगों के लिए लाभकारी है जिन्हें बार-बार खांसी होती है।
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