
यदि दांतों की सड़न शुरुआती चरण में है, तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लौंग का तेल (Clove Oil) एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल एजेंट है, जो दांतों में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और दर्द को कम करता है। प्रभावित हिस्से पर लौंग के तेल की कुछ बूंदें लगाने से राहत मिल सकती है।
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दांतों की सड़न से बचाव के उपाय
नारियल तेल

नारियल तेल (Coconut Oil) का उपयोग ऑयल पुलिंग (Oil Pulling) के रूप में किया जाता है, जो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है। रोजाना सुबह खाली पेट नारियल तेल से कुल्ला करने से दांत मजबूत होते हैं और दांतों की सड़न की संभावना कम हो जाती है।
नमक पानी
इसके अलावा, नमक पानी (Salt Water) से कुल्ला करने से दांतों में मौजूद बैक्टीरिया कम होते हैं और दांतों के ऊतकों में सूजन कम होती है। यह न केवल दांतों को बैक्टीरिया से बचाता है, बल्कि मुँह की बदबू को भी दूर करता है। लहसुन (Garlic) भी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है और इसमें मौजूद ऐलिसिन (Allicin) तत्व बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायक होता है।
ब्रशिंग तकनीक

दांतों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रशिंग तकनीक (Brushing Technique)। दिन में दो बार फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करना अनिवार्य है। ब्रश को गोलाकार गति में घुमाते हुए करना चाहिए ताकि दांतों और मसूड़ों के बीच फंसे प्लाक को हटाया जा सके।
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फ्लॉसिंग

फ्लॉसिंग (Flossing) भी दांतों की सफाई के लिए बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह उन जगहों तक पहुंचता है, जहां ब्रश नहीं पहुंच सकता। फ्लॉस का उपयोग करने से दांतों के बीच फंसे खाद्य कण हट जाते हैं और सड़न की संभावना कम हो जाती है।
संतुलित आहार
संतुलित आहार (Balanced Diet) भी दांतों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक शुगर और एसिडिक खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ दांतों के इनेमल को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
हर 6 महीने में एक बार दंत चिकित्सक (Dentist) से जांच कराना भी जरूरी होता है, ताकि किसी भी प्रारंभिक समस्या को समय रहते पहचाना जा सके और उचित उपचार किया जा सके।
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