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Joint Pain Relief: जोड़ों के दर्द से राहत पाना है तो अपनाएं ये खास आयुर्वेदिक उपाय​

क्या आपके घुटने या कमर का दर्द आपका जीना मुश्किल कर रहा है? हल्दी, अदरक, अश्वगंधा और आयुर्वेदिक तेल मालिश से पाएं राहत। जानें इन आयुर्वेदिक उपायों की पूरी जानकारी और कैसे ये आपके जोड़ों को बना सकते हैं मजबूत और दर्दमुक्त।

By Divya Pawanr
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जोड़ों का दर्द (Joint Pain) आजकल एक आम समस्या बन गई है, जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है। खराब जीवनशैली, असंतुलित आहार और बढ़ती उम्र के कारण जोड़ों में दर्द और जकड़न की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आयुर्वेद (Ayurveda) में जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के आपके शरीर को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। हल्दी, अदरक और अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां, अभ्यंग (तेल मालिश) और संतुलित आहार आपके जोड़ों की सेहत में सुधार ला सकते हैं।

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आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष के असंतुलन से जोड़ों का दर्द बढ़ता है। इसलिए, शरीर में वात को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद में बताए गए उपाय न केवल दर्द को कम करते हैं, बल्कि हड्डियों और जोड़ों को मजबूत भी बनाते हैं। हल्दी (Turmeric) में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) सूजन को कम करता है, वहीं अदरक (Ginger) में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को दूर करने में सहायक होते हैं।

हल्दी और अदरक

हल्दी पाउडर

हल्दी (Turmeric) को भारतीय औषधि कहा जाता है। इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो प्राकृतिक रूप से सूजन को कम करने में मदद करता है। हल्दी के सेवन से जोड़ों के दर्द और गठिया (Arthritis) में काफी राहत मिलती है। आप इसे दूध में मिलाकर या गर्म पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।

अदरक (Ginger) भी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है, जिसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसे काढ़े के रूप में पीने से जोड़ों की जकड़न कम होती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है।

अश्वगंधा और शतावरी

अश्वगंधा

अश्वगंधा (Ashwagandha) को आयुर्वेद में एक चमत्कारी जड़ी-बूटी माना जाता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और जोड़ों की सूजन को कम करती है। यह मांसपेशियों की मजबूती और जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है।

शतावरी (Shatavari) भी एक प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो हड्डियों को पोषण प्रदान करती है और शरीर में वात दोष को संतुलित रखती है। इसका नियमित सेवन करने से जोड़ों का दर्द काफी हद तक कम हो सकता है।

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आयुर्वेदिक तेल मालिश (अभ्यंग)

तिल का तेल

आयुर्वेद में तेल मालिश को अभ्यंग कहा जाता है, जो जोड़ों के दर्द को कम करने का एक पारंपरिक और प्रभावी तरीका है। तिल का तेल (Sesame Oil), अरंडी का तेल (Castor Oil) और महानारायण तेल (Mahanarayan Oil) को हल्का गर्म करके जोड़ों पर मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।

तेल की मालिश रक्त संचार को बेहतर बनाती है और जोड़ों को लुब्रिकेट कर दर्द व जकड़न को कम करती है। यह विधि शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी प्रदान कर वात दोष को संतुलित करने में सहायक होती है।

आयुर्वेदिक आहार

सही पोषण और हेल्दी डाइट का महत्व

आयुर्वेद में खानपान को सेहत का सबसे बड़ा आधार माना गया है। जोड़ों के दर्द से बचने के लिए आपको वात बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। तली-भुनी चीजें, जंक फूड, खट्टे और मसालेदार भोजन से दूरी बनाना जरूरी है।

इसके बजाय, अपने आहार में गुनगुना पानी, हरी सब्जियाँ, घी, दूध, मेथी, लहसुन और तिल के बीज को शामिल करें। ये सभी तत्व जोड़ों की सेहत में सुधार लाने के लिए जाने जाते हैं।

घरेलू उपाय

घर पर भी आप जोड़ों के दर्द के लिए एक आयुर्वेदिक तेल तैयार कर सकते हैं। इसके लिए 50 ग्राम जावित्री, 50 ग्राम सोंठ पाउडर, 100 ग्राम अरंडी का तेल और 100 ग्राम तिल का तेल लें। इसे धीमी आंच पर गर्म करें, जब जावित्री और सोंठ काले हो जाएं, तो इसे छानकर एक बोतल में भर लें। इस तेल से रोजाना जोड़ों की मालिश करने से दर्द और जकड़न में राहत मिलेगी।

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