
पान मसाला और गुटखा का लंबे समय तक सेवन करने से दांतों की रंगत बदल जाती है। ऐसे दांत पीले या भूरे हो जाते हैं, जो देखने में ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी गंभीर संकेत होते हैं। इन दागों को पूरी तरह हटाना चुनौतीपूर्ण जरूर होता है, लेकिन यदि सही घरेलू उपायों को अपनाया जाए तो हल्के से मध्यम स्तर तक के दागों को घर पर भी कम किया जा सकता है।
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बेकिंग सोडा और नींबू का संयोजन

बेकिंग सोडा और नींबू का मिश्रण दांतों की ऊपरी सतह पर जमी मैल को हटाने में प्रभावी माना जाता है। बेकिंग सोडा जहां माइक्रो-अब्रेशन की तरह काम करता है, वहीं नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड पिग्मेंटेशन को हल्का करने में मदद करता है। हालांकि यह उपाय सप्ताह में केवल एक बार ही अपनाना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक प्रयोग से दांतों की इनेमल पर असर पड़ सकता है।
नीम और तुलसी
नीम और तुलसी दोनों ही आयुर्वेद में बेहद महत्वपूर्ण पौधे हैं जिनमें प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। नीम की दातून या तुलसी के पत्ते न केवल मुँह की दुर्गंध कम करते हैं, बल्कि नियमित उपयोग से दांतों के दाग भी हल्के हो सकते हैं। सरसों के तेल में इन पत्तों का पाउडर मिलाकर मंजन करना विशेष रूप से लाभदायक माना गया है।
नारियल तेल से ऑयल पुलिंग

नारियल तेल का उपयोग आयुर्वेद में वर्षों से चला आ रहा है। ऑयल पुलिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें सुबह खाली पेट मुंह में एक चम्मच नारियल तेल भरकर उसे 15-20 मिनट तक धीरे-धीरे घुमाया जाता है। यह दांतों और मसूड़ों पर जमा हानिकारक बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है और धीरे-धीरे पीलापन कम होने लगता है।
हल्दी और नारियल तेल का मेल
हल्दी एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है जो मसूड़ों की सूजन को कम करता है। यदि इसमें थोड़ा नारियल तेल मिलाकर पेस्ट बनाया जाए और उससे दांतों की हल्के हाथ से सफाई की जाए, तो यह दांतों की चमक लौटाने में मदद करता है। यह मिश्रण प्राकृतिक है और बिना किसी साइड इफेक्ट के सुरक्षित माना जाता है।
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प्रोफेशनल डेंटल क्लीनिंग

यदि पान मसाला से बने दाग बहुत गहरे हो चुके हैं, तो घरेलू उपायों से उन्हें पूरी तरह हटाना संभव नहीं होता। ऐसे में स्केलिंग और पॉलिशिंग जैसे डेंटल ट्रीटमेंट अत्यंत कारगर होते हैं। डेंटिस्ट विशेष उपकरणों की मदद से दांतों की ऊपरी परत पर जमी टार्टर और पिग्मेंटेशन को हटा देते हैं जिससे दांत फिर से साफ और चमकदार दिखने लगते हैं।
टीथ व्हाइटनिंग-ब्लीचिंग
कई बार स्केलिंग से भी संतुष्टिपूर्ण परिणाम नहीं मिलते, तब दांतों की ब्लीचिंग यानी टीथ व्हाइटनिंग करवाई जाती है। इसमें डेंटिस्ट एक विशेष केमिकल एजेंट से दांतों की रंगत को हल्का करते हैं। इस प्रक्रिया से दांतों में चमक लौटती है और पीलापन लगभग समाप्त हो जाता है। यह एक सुरक्षित और प्रभावशाली तरीका है, बशर्ते इसे अनुभवी डॉक्टर से ही करवाया जाए।
स्वस्थ आदतें

घरेलू उपायों और प्रोफेशनल ट्रीटमेंट से दांत तो साफ हो सकते हैं, लेकिन यदि पान मसाला, गुटखा या तंबाकू का सेवन बंद नहीं किया गया, तो कुछ ही समय में वही समस्या फिर लौट आती है। ऐसे में सबसे पहले इन आदतों को छोड़ना आवश्यक है। इसके अलावा हर छह महीने में दांतों की जांच और सफाई कराना, हल्के ब्रश से ब्रश करना और रात्रि में सोने से पहले कुल्ला करना जैसी आदतें भी जरूरी हैं।
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Sir
How to Discolor the Diabetic Discolored toe due to not proper Blood Flow to Teo.
Age 77 Years .
How can I increase Blood Flow to Discolored Toe ?