माइग्रेन, जिसे आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहा जाता है, सिर दर्द की एक जटिल स्थिति है। इस दर्द की शुरुआत आधे सिर में असहनीय पीड़ा के रूप में होती है, लेकिन कई बार यह पूरे सिर में फैल सकता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर 72 घंटे तक बना रह सकता है। भारत में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 15 करोड़ लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं। खास बात यह है कि पुरुषों की तुलना में भारतीय महिलाएं इस समस्या से ज्यादा परेशान रहती हैं।
माइग्रेन का मुख्य कारण ब्रेन कैमिकल्स, खासकर सेरोटोनिन का असंतुलन है। जब सेरोटोनिन का स्तर गिरता है, तो न्यूरोपेप्टाइड्स ब्रेन के बाहरी हिस्से में स्रावित होते हैं और माइग्रेन का दर्द उत्पन्न होता है।
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन कई वजहों से हो सकता है। इनमें अनुवांशिक प्रभाव, हार्मोनल बदलाव, और बाहरी पर्यावरणीय कारक शामिल हैं।
- अनुवांशिक प्रभाव: परिवार में माइग्रेन का इतिहास होने पर इसकी संभावना बढ़ जाती है।
- हार्मोनल बदलाव: मासिक धर्म या गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव माइग्रेन का कारण बनते हैं।
- तेज रोशनी और आवाज़: बहुत ज्यादा तेज आवाज या प्रकाश माइग्रेन के ट्रिगर हो सकते हैं।
- दवाओं का साइड इफेक्ट: बर्थ कंट्रोल पिल्स या अन्य दवाओं के साइड इफेक्ट से भी माइग्रेन हो सकता है।
- अनियमित जीवनशैली: सही समय पर सोने, जागने, या भोजन न करने से माइग्रेन बढ़ सकता है।
- तनाव और थकान: लंबे समय तक तनावपूर्ण माहौल में रहने से माइग्रेन की संभावना बढ़ जाती है।
माइग्रेन में राहत के उपाय
आहार और जीवनशैली:
हरी सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थ माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। दिन में पर्याप्त पानी पीना और जंक फूड से परहेज करना भी महत्वपूर्ण है।
योग और प्राणायाम:
माइग्रेन के मरीजों के लिए योग और प्राणायाम बेहद लाभकारी हैं। शवासन, मर्जरासन और अनुलोम-विलोम जैसे आसन माइग्रेन में राहत देते हैं।
घरेलू उपाय:
- पिपरमिंट तेल की मालिश से सिरदर्द कम होता है।
- अदरक का सेवन मिचली में राहत देता है।
- भाप लेने और सिर की मालिश से भी आराम मिलता है।
आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेद में माइग्रेन के लिए जड़ी-बूटियों से बने काढ़े और शिरोधारा थेरेपी का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार में पूरी बॉडी को स्टीम बाथ और तेल मालिश के जरिए राहत दी जाती है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर माइग्रेन की समस्या बार-बार होती है और दर्द असहनीय हो जाता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर आवश्यक जांच जैसे ब्लड टेस्ट और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) के माध्यम से बीमारी की गहराई समझते हैं और उपचार शुरू करते हैं।