अगर आप रोजाना ब्रश करते हैं लेकिन फिर भी मुंह से दुर्गंध आती है, तो यह सिर्फ एक सामान्य समस्या नहीं हो सकती। यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ गंभीर बीमारियाँ पनप रही हैं। अधिकतर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह पाचनतंत्र की समस्या (Digestive Issues), मसूड़ों की बीमारी (Gum Disease) या डायबिटीज (Diabetes) जैसी गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है।
मुंह से बदबू आने के कारण
मुंह से बदबू केवल खराब ओरल हाइजीन की वजह से नहीं आती, बल्कि यह आंतरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का भी संकेत हो सकता है। यदि आप रोजाना ब्रश करते हैं और माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं, फिर भी बदबू बनी रहती है, तो यह तीन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है।
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1. पाचनतंत्र की समस्या (Digestive Issues)
अगर आपका पाचन सही नहीं है, तो इसका सीधा असर आपके मुंह की बदबू पर पड़ सकता है। खराब पाचन से एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux), गैस्ट्रिक प्रॉब्लम (Gastric Issues) और पेट में संक्रमण (Infections) जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे मुंह से दुर्गंध आने लगती है। जब पेट में बनने वाला एसिड ऊपर गले तक आ जाता है, तो यह बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और मुंह से बदबू आने लगती है।
2. मसूड़ों की बीमारी (Gum Disease)
अगर आपके मसूड़े स्वस्थ नहीं हैं, तो यह भी दुर्गंध का बड़ा कारण हो सकता है। पायरिया (Pyorrhea), मसूड़ों की सूजन (Gingivitis) और दांतों की जड़ों में संक्रमण से मुंह में बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे बदबू पैदा होती है। अगर मसूड़ों से खून आता है या सूजन बनी रहती है, तो यह ओरल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है, जिसे अनदेखा करने से आगे चलकर दांतों की हानि भी हो सकती है।
3. डायबिटीज (Diabetes) और हाई ब्लड शुगर
डायबिटीज के मरीजों में शरीर में मौजूद ग्लूकोज लेवल (Glucose Levels) बढ़ने से मुंह सूखने लगता है, जिससे सलाइवा कम बनता है। इससे बैक्टीरिया का विकास तेजी से होता है, जिससे मुंह से दुर्गंध आने लगती है। इसके अलावा, यदि आपका शुगर लेवल नियंत्रित नहीं है, तो शरीर में केटोएसिडोसिस (Ketoacidosis) की स्थिति बन सकती है, जिससे सांसों में तेज बदबू महसूस होती है।
मुंह की बदबू से बचाव और इलाज
अगर मुंह की बदबू किसी गंभीर बीमारी का संकेत है, तो इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। अपने ओरल हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन साथ ही आपको अपनी आंतरिक सेहत को भी मजबूत बनाना होगा। फाइबर युक्त आहार (Fiber-Rich Diet), हाइड्रेशन (Hydration) और प्रोबायोटिक्स (Probiotics) का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है और गैस्ट्रिक समस्याओं से राहत मिलती है।
अगर मसूड़ों में समस्या बनी रहती है, तो एंटीसेप्टिक माउथवॉश (Antiseptic Mouthwash) का उपयोग करें और नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करवाएं। डायबिटीज के मरीजों को शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहिए और मुंह की नमी बनाए रखने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए।
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