
सेहत के लिए अमृत मानी जाने वाली हरी पत्तेदार सब्जियां न केवल हमारी थाली को रंग और स्वाद देती हैं, बल्कि शरीर को संपूर्ण पोषण भी प्रदान करती हैं। पालक, मेथी, बथुआ, सरसों और चौलाई जैसी पत्तेदार सब्जियां विटामिन A, C, K, आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होती हैं। ये पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, हड्डियों को मज़बूती देते हैं और खून की कमी यानी एनीमिया से बचाव में मदद करते हैं। इन्हें रोज़ाना के आहार में शामिल कर स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से बेहतर बनाया जा सकता है।
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हार्ट और ब्रेन हेल्थ में इनका अहम योगदान
हार्ट यानी हृदय और ब्रेन यानी मस्तिष्क की सेहत के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बेहद जरूरी मानी जाती हैं। इनमें मौजूद फाइबर और पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। वहीं इनमें पाए जाने वाले फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट्स मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय रखते हैं, जिससे याददाश्त बेहतर होती है और बढ़ती उम्र में मानसिक रोगों का खतरा घटता है। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि नियमित रूप से पालक या सरसों का साग खाने वाले लोगों में न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों की संभावना कम हो जाती है।
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त्वचा और आंखों के लिए वरदान हैं ये सब्जियां
अगर आप प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग स्किन और तेज़ नजर पाना चाहते हैं, तो हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें। इनमें मौजूद विटामिन C और बीटा कैरोटीन त्वचा को नमी देते हैं और फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे त्वचा झुर्रियों से दूर और चमकदार बनी रहती है। इसके अलावा, पालक और चौलाई जैसी सब्जियों में ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी को बनाए रखते हैं और मोतियाबिंद जैसे रोगों से बचाव करते हैं।
डायबिटीज और पाचन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद
हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो पाचन को सुधारती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है। यही कारण है कि डायबिटीज के मरीज़ों को डॉक्टर हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह देते हैं। ये सब्जियां आंतों की सफाई में मदद करती हैं और मेटाबॉलिज्म को तेज कर वजन घटाने में भी सहायता करती हैं। आयुर्वेद में इन्हें ‘त्रिदोष नाशक’ कहा गया है, यानी ये वात, पित्त और कफ को संतुलित करती हैं।
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