हर महीने जब महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स (Periods) होते हैं, तो यह केवल ब्लीडिंग तक सीमित नहीं होता, बल्कि शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी आते हैं। इन बदलावों की वजह से सिर दर्द, पेट दर्द, थकावट, मूड स्विंग्स जैसे लक्षण सामान्य माने जाते हैं। लेकिन एक और आम और अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला लक्षण है ब्रेस्ट पेन (Breast Pain) यानी स्तनों में दर्द या खिंचाव।

कई महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट में दर्द होना सामान्य है? यह किसी बीमारी का संकेत तो नहीं? इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आखिर पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट में दर्द क्यों होता है और इससे राहत कैसे पाई जा सकती है।
हार्मोनल बदलावों के कारण होता है ब्रेस्ट पेन
ज्यादातर मामलों में महिलाओं को जो स्तन दर्द होता है, वह साइक्लिक ब्रेस्ट पेन (Cyclic Breast Pain) कहलाता है। यह दर्द मासिक धर्म चक्र का हिस्सा होता है और पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले या पीरियड्स के पहले दो-तीन दिनों में महसूस होता है।
इस दर्द का मुख्य कारण है शरीर में हार्मोन एस्ट्रोजेन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) के स्तर में बदलाव। ये हार्मोन स्तनों की संरचना और कार्य प्रणाली को प्रभावित करते हैं। जब इनका स्तर अचानक घटता या बढ़ता है, तो स्तनों की टिशूज़ में सूजन, संवेदनशीलता और भारीपन आ जाता है, जिससे दर्द महसूस होता है।
ब्रेस्ट पेन कैसा महसूस होता है?
पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट पेन की प्रकृति हर महिला में अलग हो सकती है। लेकिन सामान्यत: यह इस प्रकार महसूस होता है:
स्तनों में भारीपन या दबाव का अहसास
हल्की से लेकर तीव्र चुभन जैसी पीड़ा
स्तनों को छूने पर अत्यधिक संवेदनशीलता
यह दर्द आमतौर पर दोनों स्तनों में समान रूप से महसूस होता है और पीरियड्स के समाप्त होते ही यह धीरे-धीरे कम होने लगता है।
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क्या यह दर्द किसी बीमारी का संकेत हो सकता है?
यदि ब्रेस्ट पेन केवल पीरियड्स के दौरान ही होता है और इसके साथ कोई असामान्य लक्षण नहीं होते, तो यह सामान्य हार्मोनल प्रतिक्रिया मानी जाती है। लेकिन अगर यह दर्द लगातार बना रहे, एक ही स्तन में सीमित हो, गांठ महसूस हो या निप्पल से कोई असामान्य डिस्चार्ज हो, तो यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि यह फाइब्रोएडेनोमा, सिस्ट, या ब्रेस्ट कैंसर जैसी मेडिकल कंडीशन का लक्षण भी हो सकता है।
ब्रेस्ट पेन से राहत पाने के उपाय
यदि पीरियड्स के दौरान होने वाला ब्रेस्ट पेन सामान्य हार्मोनल कारणों से है, तो कुछ आसान घरेलू उपायों से इसे कम किया जा सकता है:
गर्म पानी की बोतल से सिकाई करने पर स्तनों की सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
ठंडी सिकाई भी कई बार दर्द को कम करने में सहायक होती है।
कैफीन (Caffeine) युक्त चीजें जैसे चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि पीरियड्स के दौरान ब्रेस्ट पेन को बढ़ा सकती हैं। ऐसे में इनका सेवन सीमित करें।
कसकर पहनी गई ब्रा या तंग कपड़े दर्द को और बढ़ा सकते हैं। हल्की, कॉटन की ब्रा पहनें जो स्तनों को सहारा दे और आरामदेह हो।
हल्के योग (Yoga) और स्ट्रेचिंग से भी शरीर को रिलैक्सेशन मिलता है और दर्द में कमी आती है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर ब्रेस्ट पेन बहुत तेज हो, नियमित न हो या पीरियड्स खत्म होने के बाद भी बना रहे तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही यदि दर्द के साथ कोई गांठ, निप्पल से डिस्चार्ज या त्वचा में बदलाव दिखाई दे तो इसे नजरअंदाज न करें।
हार्मोनल संतुलन बनाए रखना है जरूरी
ब्रेस्ट पेन की रोकथाम के लिए हार्मोनल संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। इसके लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और भरपूर नींद मददगार हो सकते हैं।