
पुराने दर्द (Chronic Pain) की समस्या से जूझ रहे लोग अक्सर बार-बार दवाओं पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन आयुर्वेद में एक ऐसा नेचुरल पेनकिलर (Natural Painkiller) मौजूद है जो न केवल दर्द से राहत देता है, बल्कि डैंड्रफ, पिगमेंटेशन और अस्थमा जैसी समस्याओं में भी आश्चर्यजनक परिणाम देता है—यह है कपूर (Camphor)। कपूर का उपयोग भारत में सदियों से घरेलू उपचारों के रूप में किया जा रहा है। इसकी खुशबू से लेकर इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों तक, यह एक बहुउपयोगी औषधि के रूप में आज भी बेहद कारगर साबित हो रही है।
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पुराने दर्द में कपूर से मिलती है गहरी राहत
कपूर में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में तुरंत राहत प्रदान करते हैं। यदि आपको गठिया (Arthritis), कमर दर्द या मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत रहती है, तो सरसों या नारियल के तेल में कपूर मिलाकर नियमित रूप से मालिश करने से सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। यह मालिश न केवल ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती है बल्कि शरीर में आराम का अनुभव भी कराती है।
डैंड्रफ से छुटकारा पाने में कपूर है फायदेमंद
सिर की त्वचा में होने वाली खुजली, पपड़ी और डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए कपूर बेहद प्रभावशाली माना गया है। कपूर और नारियल तेल को मिलाकर स्कैल्प पर लगाने से न केवल डैंड्रफ कम होता है, बल्कि यह स्किन को ठंडक पहुंचाकर बालों की जड़ों को भी मज़बूत करता है। इससे बाल टूटने बंद होते हैं और समय के साथ स्कैल्प हेल्दी बनती है। यह उपाय खास तौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी त्वचा ऑयली या अत्यधिक संवेदनशील रहती है।
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त्वचा की रंगत और दाग-धब्बों के लिए कपूर का कमाल
पिगमेंटेशन (Pigmentation), मुहांसों के दाग और असमान स्किन टोन जैसी समस्याएं आजकल बहुत आम हो गई हैं, और इनके लिए कपूर एक सस्ता और असरदार उपाय है। कपूर को एलोवेरा जेल या गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की रंगत सुधरती है, ब्लैकहेड्स कम होते हैं और समय के साथ दाग-धब्बों में भी कमी आती है। इसका ठंडा प्रभाव त्वचा को सूदिंग इफेक्ट देता है और त्वचा अधिक चमकदार नजर आती है।
अस्थमा और सांस संबंधी परेशानियों में कपूर से राहत
कपूर की तीव्र और साफ सुगंध श्वसन तंत्र (Respiratory System) को खोलने में मदद करती है। अस्थमा (Asthma) या एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए कपूर का उपयोग अत्यंत लाभकारी हो सकता है। कपूर और सरसों तेल के मिश्रण से छाती, पीठ और गर्दन पर मालिश करने से सांस लेने में आसानी होती है। यह उपाय खासकर सर्दी-जुकाम, बंद नाक और सीने की जकड़न में तुरंत असर दिखाता है।
उपयोग से पहले बरतें सावधानी
हालांकि कपूर एक प्राकृतिक उपाय है, लेकिन इसका प्रयोग सोच-समझकर करना जरूरी है। इसे कभी भी सीधे त्वचा पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। साथ ही, इसका सेवन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह विषैला (Toxic) हो सकता है। गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और जिनकी त्वचा अत्यधिक संवेदनशील है, वे डॉक्टर की सलाह के बिना कपूर का उपयोग न करें।
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