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नाखूनों पर दिखें ऐसी लाइन तो सावधान! जानिए इसके कारण और आसान उपाय

अगर आपके नाखूनों पर अजीब सी लाइनें बन रही हैं तो इसे हल्के में न लें। जानिए इन रेखाओं के पीछे छुपे संभावित स्वास्थ्य संकेत, इनके इलाज के आसान उपाय, और कब जरूरी है डॉक्टर से मिलना। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह जरूरी गाइड!

By Divya Pawanr
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नाखूनों पर दिखें ऐसी लाइन तो सावधान! जानिए इसके कारण और आसान उपाय

नाखूनों पर दिखाई देने वाली लाइनें या रेखाएं अक्सर हमारे शरीर में हो रहे आंतरिक बदलावों का संकेत होती हैं। चाहे वह ऊर्ध्वाधर (Vertical) रेखाएं हों या क्षैतिज (Horizontal) रेखाएं, दोनों ही अपने-अपने ढंग से स्वास्थ्य समस्याओं या पोषक तत्वों की कमी का संकेत दे सकती हैं। नाखूनों की स्थिति, उनके रंग और बनावट में बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों की चेतावनी भी दे सकते हैं, जिन्हें अनदेखा करना खतरे से खाली नहीं होता।

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नाखूनों पर रेखाएं

नाखूनों पर दिखाई देने वाली रेखाएं मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं – ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज। ऊर्ध्वाधर रेखाएं सामान्यत: उम्र बढ़ने का स्वाभाविक परिणाम होती हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं देतीं। वहीं क्षैतिज रेखाएं, जिन्हें ब्यू की रेखाएं (Beau’s Lines) कहा जाता है, शरीर में किसी गहरी समस्या जैसे गंभीर संक्रमण, पोषण की कमी या क्रॉनिक बीमारियों का सूचक हो सकती हैं।

उम्र बढ़ने के साथ नाखूनों पर रेखाएं क्यों आती हैं

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की कोशिकाओं के पुनर्जीवन की गति धीमी हो जाती है। नाखूनों के विकास में भी यही परिवर्तन दिखाई देता है। नतीजतन नाखूनों पर पतली ऊर्ध्वाधर रेखाएं बन सकती हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो किसी गंभीर चिंता का कारण नहीं होती, लेकिन यदि अन्य लक्षण भी दिखने लगें तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित रहेगा।

पोषण की कमी से कैसे प्रभावित होते हैं नाखून

शरीर में जब आयरन (Iron), जिंक (Zinc) और विटामिन बी12 (Vitamin B12) जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, तो नाखूनों की संरचना प्रभावित होती है। यह कमी नाखूनों पर स्पष्ट रेखाओं के रूप में दिख सकती है। संतुलित आहार की कमी लंबे समय तक बनी रहने पर नाखून कमजोर, भंगुर और रेखाओं से युक्त हो सकते हैं, जो आगे चलकर संक्रमण या अन्य जटिलताओं का कारण भी बन सकते हैं।

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गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं क्षैतिज रेखाएं

जब नाखूनों पर क्षैतिज रेखाएं उभरती हैं, तो यह अक्सर किसी बड़े स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करती हैं। डायबिटीज (Diabetes), थायरॉयड (Thyroid) विकार, किडनी रोग (Kidney Disease) या किसी बड़ी सर्जरी या संक्रमण के बाद शरीर की पुनः स्वस्थ होने की प्रक्रिया के दौरान ये रेखाएं बन सकती हैं। इस प्रकार की रेखाओं का दिखाई देना शरीर में आई अस्थायी या स्थायी रुकावट का प्रमाण माना जाता है।

बाहरी चोटों और आदतों का नाखूनों पर प्रभाव

नाखूनों पर सीधी चोट लगना, बार-बार मैनीक्योर करवाना, रसायनों के अत्यधिक उपयोग या नाखून चबाने जैसी आदतें भी रेखाओं के निर्माण का कारण बन सकती हैं। ये आदतें नाखूनों की सतह को क्षतिग्रस्त कर देती हैं और उनके प्राकृतिक विकास में बाधा उत्पन्न करती हैं। लंबे समय तक इन आदतों को जारी रखने से नाखूनों की बनावट में स्थायी बदलाव भी हो सकते हैं।

नाखूनों पर रेखाओं से निपटने के प्रभावी उपाय

संतुलित आहार, जिसमें आयरन, जिंक और विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों, नाखूनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही, नाखूनों की नियमित सफाई, अत्यधिक रसायन के प्रयोग से बचाव, और उन्हें सूखा तथा साफ बनाए रखना आवश्यक है। पर्याप्त पानी पीना और डॉक्टर से समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना भी रेखाओं के प्रभाव को कम करने में मददगार सिद्ध होता है।

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