
गले और छाती में जमी कफ की समस्या सर्दी-जुकाम, एलर्जी या कभी-कभी बदलते मौसम की वजह से होती है। जब यह कफ जम जाता है, तो सांस लेने में तकलीफ, गले में भारीपन और लगातार खांसी जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में इसके इलाज के अचूक देसी तरीके मौजूद हैं जो तुरंत असर दिखाते हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के आराम पहुंचाते हैं।
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भाप लेना

गर्म पानी में पुदीना या यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें डालकर भाप लेना गले और छाती में जमा कफ को ढीला करने में बेहद असरदार है। यह उपाय ना सिर्फ बलगम को पतला करता है बल्कि सांस की नलियों को खोलता है जिससे सीने में जकड़न कम होती है। इसे सुबह-शाम दो बार अपनाने से राहत मिलती है।
नीलगिरी का तेल
नीलगिरी यानी Eucalyptus oil में मौजूद औषधीय गुण बलगम को पतला करने और छाती की जकड़न को दूर करने में सहायक होते हैं। इसे नारियल तेल में मिलाकर छाती और गले पर हल्के हाथ से मालिश करें। यह रक्तसंचार को बेहतर बनाता है और कफ को धीरे-धीरे बाहर निकालने में मदद करता है।
नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे

गर्म पानी में चुटकीभर नमक डालकर गरारे करने से गले की सूजन, खराश और जमा कफ में आराम मिलता है। यह उपाय इंफेक्शन को भी दूर करता है और गले की आंतरिक सतह को शांत करता है। इसे दिन में कम से कम तीन बार किया जाए तो फर्क जल्दी महसूस होता है।
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हल्दी वाला दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है जो शरीर में संक्रमण से लड़ने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। रात को सोने से पहले हल्दी मिला गर्म दूध पीना गले और छाती में जमा बलगम को साफ करता है और सुकून की नींद लाने में मदद करता है।
तुलसी-अदरक की चाय

तुलसी और अदरक दोनों ही भारतीय रसोई की औषधीय विरासत हैं। इनसे बनी चाय ना सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि बलगम को हटाने में भी मददगार है। तुलसी की पत्तियां और अदरक का रस गले में जमा कफ को ढीला करता है और शरीर को भीतर से गर्मी प्रदान करता है।
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