
कान की मसाज से स्ट्रेस और अनिद्रा का इलाज संभव है, और यह आयुर्वेद व रिफ्लेक्सोलॉजी जैसे प्राचीन चिकित्सा विज्ञानों से जुड़ा एक प्रभावी उपाय माना जाता है। कान की सतह पर कुछ विशेष बिंदु होते हैं, जिनका सही तरीके से दबाव देकर तनाव कम किया जा सकता है और नींद की गुणवत्ता में आश्चर्यजनक सुधार देखा जा सकता है। यह तकनीक न केवल सरल है बल्कि नियमित अभ्यास से शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।
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तनाव कम करने में असरदार है इयर मसाज

जब व्यक्ति अत्यधिक तनाव में होता है, तो शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति में कान के ‘शेनमेन’ (Shen Men) पॉइंट की मसाज से प्राकृतिक रूप से एंडोर्फिन का स्त्राव होता है, जो मूड को बेहतर बनाता है और तनाव को नियंत्रित करता है। यह पॉइंट कान के ऊपरी भाग के बीच में स्थित होता है और हल्के दबाव या रोटेशनल मसाज से इसमें उत्तेजना पैदा होती है, जिससे दिमाग को राहत मिलती है। नियमित रूप से यह तकनीक अपनाने पर मानसिक स्थिरता और स्पष्टता में वृद्धि देखी जा सकती है।
अनिद्रा की समस्या में राहत देता है यह सरल उपाय

नींद न आना या बार-बार नींद खुलना आजकल बहुत आम समस्या बन चुकी है। विशेषकर शहरी जीवनशैली में यह शिकायत अधिक सुनने को मिलती है। कान की मसाज इस समस्या का एक प्राकृतिक और प्रभावी समाधान प्रदान करती है। ‘शेनमेन पॉइंट’ के अलावा, कान के लोब यानी निचले हिस्से की हल्की मसाज तंत्रिका तंत्र को शांत करती है। यह नसों को आराम पहुंचाकर नींद की प्रक्रिया को सहज बनाती है। जिन लोगों को नींद की दवा लेने की आदत बन चुकी है, उनके लिए यह तकनीक एक स्वस्थ विकल्प हो सकती है।
कान की मसाज कैसे करती है शरीर पर गहरा प्रभाव
इयर रिफ्लेक्सोलॉजी के सिद्धांत के अनुसार, कान शरीर के सभी अंगों के प्रतिनिधित्व बिंदु को दर्शाता है। इसका मतलब है कि कान की सतह पर मौजूद विशेष बिंदुओं पर दबाव देने से शरीर के आंतरिक अंगों और मांसपेशियों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, कान के पीछे की मालिश सिरदर्द और गर्दन की अकड़न में राहत दे सकती है। वहीं कान की ऊपरी बाहरी रेखा की मसाज थकान, माइग्रेन और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है।
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी है उपयोगी

तनाव और अनिद्रा सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी गहरा प्रभावित करते हैं। कान की मसाज से न्यूरोट्रांसमीटर बैलेंस बेहतर होता है, जिससे डिप्रेशन, एंग्जायटी और चिड़चिड़ेपन जैसी मानसिक समस्याओं में राहत मिलती है। यह थेरेपी खासकर उन लोगों के लिए मददगार है जो नियमित ध्यान या योग नहीं कर पाते लेकिन मानसिक शांति की तलाश में हैं।
सावधानी और नियमितता से पाएं बेहतर परिणाम
हालांकि कान की मसाज बेहद सुरक्षित तकनीक है, लेकिन यह जरूरी है कि इसे सही बिंदुओं और हल्के हाथों से किया जाए। बहुत अधिक दबाव या गलत पॉइंट्स पर मसाज करने से लाभ के बजाय असहजता हो सकती है। इसे सुबह या रात के समय करने से शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक असर पड़ता है। विशेष रूप से रात को सोने से पहले यह आदत नींद के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
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