
गर्मी में बुखार आना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन सही घरेलू उपायों के सहारे आप बिना दवाइयों के भी जल्द राहत पा सकते हैं। शरीर के तापमान को सामान्य करने और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए घरेलू नुस्खे बेहद प्रभावी साबित होते हैं। अगर आप भी गर्मी के मौसम में बुखार से परेशान हैं, तो यह जानना जरूरी है कि घरेलू उपचार न सिर्फ तुरंत राहत देते हैं, बल्कि आपके शरीर को प्राकृतिक रूप से रिकवर भी करते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे पांच आसान और कारगर घरेलू नुस्खे बताएंगे जो मिनटों में असर दिखाते हैं और आपको दवाइयों पर निर्भर रहने से बचाते हैं।
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तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं

गर्मी में बुखार के दौरान सबसे पहले जिस चीज पर ध्यान देना चाहिए, वह है शरीर में पानी की कमी को दूर करना। बुखार के कारण शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। पानी, नारियल पानी, नींबू पानी और हर्बल टी जैसे तरल पदार्थों का नियमित सेवन न केवल शरीर को ठंडक प्रदान करता है, बल्कि विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है। अगर आप तरल पदार्थों की मात्रा सही बनाए रखते हैं, तो बुखार जल्दी नियंत्रण में आ सकता है।
गुनगुने पानी की पट्टियाँ
गर्मियों में बुखार कम करने के लिए गुनगुने पानी की पट्टियाँ सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। एक साफ कपड़े को गुनगुने पानी में भिगोकर माथे, गर्दन, बगल और पैरों पर रखें। इससे शरीर का तापमान धीरे-धीरे सामान्य होता है। ध्यान रखें कि बहुत ठंडे पानी या बर्फ का उपयोग न करें, क्योंकि इससे शरीर में झटके लग सकते हैं और स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। गुनगुने पानी से शीतलता प्रदान करते हुए शरीर के तापमान को संतुलित किया जा सकता है।
तुलसी और अदरक का काढ़ा

प्राचीन समय से तुलसी और अदरक को प्राकृतिक औषधियों के रूप में जाना जाता है। बुखार के दौरान इनका काढ़ा बेहद लाभकारी होता है। एक कप पानी में तुलसी की पत्तियाँ और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर पी लें। चाहें तो स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं। तुलसी और अदरक का यह काढ़ा न केवल शरीर में संक्रमण से लड़ता है बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।
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लहसुन और सरसों का तेल
लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण और सरसों के तेल की गर्म प्रकृति बुखार के दौरान शरीर की गर्मी को बाहर निकालने में मदद करती है। कुछ लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें और इस तेल से पैरों के तलवों और हथेलियों की मालिश करें। यह उपाय शरीर के भीतर से गर्मी को कम करता है और बुखार को नियंत्रण में लाने में मददगार साबित होता है। यह एक प्राचीन लेकिन बेहद कारगर तरीका है जिसे आज भी आयुर्वेद में अपनाया जाता है।
गिलोय का काढ़ा

गिलोय को आयुर्वेद में अमृता के नाम से जाना जाता है और इसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाला एक शक्तिशाली औषधीय पौधा माना जाता है। गिलोय की डंडी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और दिन में दो बार इसका सेवन करें। गिलोय बुखार को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ शरीर में नई ऊर्जा का संचार भी करता है। आज के समय में जब इम्यूनिटी मजबूत रखना बेहद जरूरी है, गिलोय का नियमित सेवन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।
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