
दुनिया भर में बहुत से लोग महिलाओं के शारीरिक आकार, खासकर उनके स्तनों के आकार को लेकर ऑब्सेस्ड रहते हैं। 36-24-36 के तथाकथित ‘परफेक्ट’ आकार को पाने के लिए महिलाएं न केवल कड़ी मेहनत करती हैं, बल्कि कई तरह के घरेलू नुस्खे और उपाय भी आजमाती हैं। ब्रेस्ट साइज (How to increase breast size) बढ़ाने के लिए कई तरीकों की चर्चा होती है, लेकिन क्या ये वाकई असरदार होते हैं या फिर ये सिर्फ मिथ (Myths about breast size) हैं? आइए इस पर विस्तार से चर्चा करें।
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क्या सच में घरेलू उपाय से ब्रेस्ट साइज बढ़ सकता है?
कई चिकित्सा पद्धतियों में कहा जाता है कि अलसी के बीज (Flax seeds), मेथी (Fenugreek), और सौंफ (Fennel) जैसी चीजें ब्रेस्ट साइज बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। इसके अलावा, सोयाबीन और विभिन्न प्रकार की दालें भी इस सूची में शामिल की जाती हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सही आकार की ब्रा पहनने से भी स्तनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हालांकि, एलोपैथी के अनुसार, घरेलू उपायों से ब्रेस्ट साइज में कोई विशेष वृद्धि नहीं होती। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो किसी भी खाद्य पदार्थ या जड़ी-बूटी के सेवन से स्तनों का आकार बढ़ने की संभावना बहुत कम होती है।
क्या ब्रा से स्तनों का आकार प्रभावित होता है?
कुछ लोगों का मानना है कि ब्रा पहनने या न पहनने से स्तनों के आकार में परिवर्तन हो सकता है। यह पूरी तरह से मिथक है। ब्रा का मुख्य उद्देश्य स्तनों को सहारा देना और शारीरिक आराम प्रदान करना है।
ब्रेस्ट इम्प्लांट ही एकमात्र उपाय?
जो महिलाएं अपने स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए गंभीरता से सोचती हैं, उनके लिए सर्जरी एकमात्र विश्वसनीय विकल्प है। ब्रेस्ट इम्प्लांट (Breast Implant) एक कॉस्मेटिक सर्जरी प्रक्रिया है, जो स्तनों के आकार को बढ़ाने में मदद करती है। हालांकि, यह प्रक्रिया महंगी होती है और इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए, इसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है।
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स्तनों का आकार जीवनभर बदलता रहता है
स्तनों का आकार स्थायी नहीं होता। किशोरावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक, और फिर मेनोपॉज (Menopause) के बाद, स्तनों का आकार बदलता रहता है।
- प्यूबर्टी (Puberty) के दौरान, हार्मोनल बदलाव के कारण स्तनों का विकास होता है।
- प्रेग्नेंसी (Pregnancy) और स्तनपान (Breastfeeding) के दौरान, स्तनों का आकार अस्थायी रूप से बढ़ता है।
- मेनोपॉज के करीब आते ही, हार्मोनल परिवर्तनों के कारण स्तनों की लोच और आकार में बदलाव आ सकता है।
छोटे स्तनों के फायदे भी हैं
अगर आपकी ब्रेस्ट साइज छोटी है, तो इसके कई फायदे भी हैं।
- सैगिंग (Sagging) की संभावना कम होती है: छोटे स्तन भारी नहीं होते, जिससे त्वचा पर तनाव कम पड़ता है और वे अधिक समय तक टाइट रहते हैं।
- पीठ दर्द (Back Pain) नहीं होता: बड़े स्तनों का वजन अधिक होने के कारण कई महिलाओं को पीठ दर्द की समस्या होती है, लेकिन छोटे स्तनों के साथ यह परेशानी कम होती है।
- गर्मियों में स्किन रैश (Skin Rash) से बचाव: बड़े स्तनों वाली महिलाओं को गर्मियों में पसीने और जलन की समस्या होती है, जबकि छोटे स्तन होने पर यह परेशानी नहीं होती।
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