
शरीर के प्रत्येक जोड़—चाहे वह कंधा हो, घुटना हो, टखना हो या गर्दन—हमारी रोज़मर्रा की गतिशीलता और कार्यक्षमता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उम्र के साथ या गतिहीन जीवनशैली के कारण जोड़ों में अकड़न, दर्द और गतिशीलता में कमी आ सकती है। ऐसे में Joint Mobility को बनाए रखने के लिए नियमित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद होती हैं। ये न केवल जोड़ों को लचीला बनाती हैं, बल्कि उनकी ताकत भी बढ़ाती हैं।
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घुटनों की Joint Mobility के लिए प्रभावी व्यायाम

घुटनों को मोड़ना, सीधा करना और धीरे-धीरे घुमाना—ये सभी क्रियाएं घुटनों की गतिशीलता में आश्चर्यजनक सुधार ला सकती हैं। खासकर जिन लोगों को Arthritis या जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए यह स्ट्रेचिंग एक प्राकृतिक उपचार की तरह काम करती है। यह व्यायाम उम्रदराज़ लोगों के लिए भी बेहद अनुकूल है।
कूल्हों को लचीला बनाए रखने के लिए Hip Rotation
Hip Rotation एक्सरसाइज से कूल्हों की मांसपेशियों में तनाव कम होता है और जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है। बैठने की आदत वाले लोगों में कूल्हों की जकड़न आम है, लेकिन यह स्ट्रेचिंग नियमित रूप से की जाए तो जोड़ों का स्टिफनेस दूर होकर उनकी Natural Movement लौटाई जा सकती है।
टखनों की लचक बनाए रखने के लिए सरल मूवमेंट्स

टखनों की मूवमेंट एक्सरसाइज जैसे आगे-पीछे झुकाव और घुमाव से न केवल रक्तसंचार बेहतर होता है, बल्कि इनसे पैरों के जोड़ों की गति भी सुधरती है। लंबे समय तक बैठने या चलने के बाद जब टखने भारी लगने लगें, तो यह स्ट्रेचिंग उन्हें राहत देने के साथ-साथ Mobility को भी रीस्टोर करती है।
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कंधों की मजबूती के लिए Shoulder Rolls का अभ्यास
कंधों के जोड़ बहुत जल्दी अकड़ सकते हैं, खासकर कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने वाले लोगों में। Shoulder Rolls एक्सरसाइज से ना सिर्फ कंधों की Flexibility बढ़ती है, बल्कि Posture भी बेहतर होता है। इसे सुबह-सुबह और काम के बीच में दोहराने से तुरंत राहत मिलती है।
गर्दन की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद मूवमेंट्स

Neck Stretching से गर्दन की नसों में जकड़न दूर होती है और माइग्रेन या सिर दर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इस स्ट्रेचिंग को धीरे-धीरे और गहराई से करने से जोड़ों में बिना किसी दबाव के लचीलापन बढ़ता है।
संतुलन और स्थिरता के लिए करें वृक्षासन
Tree Pose न केवल संतुलन बढ़ाता है, बल्कि यह घुटनों और टखनों की जोड़ों को स्थायित्व प्रदान करता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो चलते समय लड़खड़ाते हैं या मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करते हैं। यह योग मुद्रा मांसपेशियों और जोड़ों की एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है।
पैरों और रीढ़ के लिए फायदेमंद है पश्चिमोत्तानासन

Seated Forward Bend यानी पश्चिमोत्तानासन से रीढ़ की लचीलापन बढ़ती है और हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इससे न केवल जोड़ों को ताकत मिलती है, बल्कि शारीरिक ऊर्जा का प्रवाह भी बेहतर होता है। यह एक्सरसाइज बैठकर लंबे समय तक काम करने वालों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
रीढ़ की गतिशीलता के लिए मार्जरीआसन और बितिलासन
Cat-Cow Pose से रीढ़ के जोड़ सक्रिय होते हैं और उनमें जमे हुए टेंशन को बाहर निकाला जा सकता है। यह स्ट्रेच उन लोगों के लिए खास है जिन्हें पीठ में अकड़न या स्लिप डिस्क जैसी समस्याएं होती हैं। यह एक्सरसाइज एक बार में पूरी पीठ को राहत देती है और ऊर्जा का संचार करती है।
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कम प्रभाव वाले लेकिन प्रभावी वर्कआउट के लिए तैराकी

Swimming एक Low-Impact Exercise है जो शरीर पर ज्यादा दबाव डाले बिना सभी जोड़ों को सक्रिय करती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें जोड़ों में सूजन या Pain रहता है। पानी में व्यायाम करने से Resistance बढ़ती है और लचीलापन स्वाभाविक रूप से विकसित होता है।