
Heart Attack in The Morning यानी सुबह के समय दिल का दौरा आना अब एक सामान्य लेकिन चिंताजनक विषय बनता जा रहा है। कई शोध और विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि सुबह के समय होने वाले हार्ट अटैक न केवल अधिक संख्या में होते हैं, बल्कि उनकी तीव्रता और घातकता भी कहीं अधिक होती है। भारत में भी हार्ट डिजीज (Heart Disease) अब युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है।
बायोलॉजिकल क्लॉक और सर्कैडियन रिद्म का प्रभाव
सुबह के समय हार्ट अटैक के खतरनाक होने का पहला कारण है शरीर की जैविक घड़ी—सर्कैडियन रिद्म। यह प्राकृतिक चक्र हमारे शरीर के अनेक कार्यों को नियंत्रित करता है, जैसे हार्मोन का स्तर, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन। वैज्ञानिकों का कहना है कि सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर सबसे ज्यादा होता है। यह हार्मोन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे दिल पर अचानक दबाव पड़ता है।
अगर धमनियों में पहले से प्लाक जमा हो, तो दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यही कारण है कि Heart Attack in The Morning कहीं ज़्यादा जानलेवा हो सकता है।
खून के गाढ़ेपन से बढ़ता है खतरा

सुबह के समय खून की विस्कोसिटी यानी गाढ़ापन बढ़ जाता है। यह स्थिति खून के थक्के बनने की संभावना को बढ़ाती है। यदि पहले से धमनियों में फैटी जमा या कोलेस्ट्रॉल की परत मौजूद हो और उस पर थक्का बन जाए, तो खून का प्रवाह बाधित हो जाता है। इस स्थिति में दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और हार्ट अटैक का खतरा पैदा हो जाता है।
प्लेटलेट्स की गतिविधि होती है अधिक
रक्त में थक्का बनाने वाली कोशिकाएं यानी प्लेटलेट्स सुबह के समय अधिक सक्रिय हो जाती हैं। यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन जिनकी धमनियों में पहले से रुकावट या प्लाक जमा है, उनके लिए यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
जब ये प्लेटलेट्स अधिक सक्रिय होती हैं, तो वे थक्का बनाने लगती हैं, जो पहले से संकरी धमनियों में ब्लॉकेज उत्पन्न कर सकती हैं। इससे दिल को अचानक ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और Heart Attack in The Morning एक घातक घटना बन जाती है।
लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
सुबह के समय लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को अकसर नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें अपच, गैस या नींद की कमी का प्रभाव समझते हैं। सीने में हल्का दर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ या बाएं हाथ में झनझनाहट जैसे लक्षणों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है।
अक्सर इस भ्रम के कारण लोग समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं लेते और यह देरी जानलेवा बन जाती है। इसलिए, विशेष रूप से सुबह के समय ऐसे संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए।
कैसे करें सुबह के हार्ट अटैक से बचाव?
Heart Attack in The Morning को रोका जा सकता है, यदि हम सुबह की दिनचर्या में कुछ साधारण लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव करें। सबसे पहले, सुबह उठते समय हड़बड़ी न करें। धीरे-धीरे जागें और शरीर को समायोजित होने का समय दें। इससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से बचा जा सकता है।
जागते ही एक गिलास पानी पीना भी बेहद फायदेमंद है, क्योंकि यह खून को पतला करने में मदद करता है और थक्का बनने के जोखिम को कम करता है। सुबह तेज एक्सरसाइज करने से बचें। इसकी बजाय हल्की स्ट्रेचिंग या वॉक करें।
नियमित हेल्थ चेकअप करवाना और ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना भी बेहद जरूरी है। साथ ही, पर्याप्त नींद लेना—कम से कम 7 से 8 घंटे की—शरीर की जैविक घड़ी को संतुलित रखने में मदद करता है।
लक्षणों के प्रति रहें सजग
सुबह यदि आपको सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना या बाएं हाथ में असामान्यता महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते की गई चिकित्सा मदद हार्ट अटैक के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकती है।
हार्ट हेल्थ के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव है जरूरी
Heart Attack in The Morning के मामलों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि हमें अपने जीवन की शुरुआत के तरीके को बदलने की जरूरत है। शरीर की प्राकृतिक घड़ी का सम्मान करें, नींद पूरी करें, पानी पिएं, और अत्यधिक मेहनत से बचें—यह छोटी-छोटी आदतें आपके दिल की रक्षा कर सकती हैं।