वीमेन हेल्थ

लाखों महिलाएं हो रही हैं वजाइना की 3 गंभीर बीमारियों का शिकार! इनसे बचने के ये हैं आसान उपाय

महिलाओं में वजाइना संक्रमण का खतरा कई कारणों से बढ़ सकता है, जिनमें अनियमित हॉर्मोनल बदलाव, बैक्टीरियल असंतुलन और अनहाइजीनिक सेक्स शामिल हैं। सही हाइजीन और समय पर इलाज से इन संक्रमणों को रोका जा सकता है।

By Divya Pawanr
Published on
लाखों महिलाएं हो रही हैं वजाइना की 3 गंभीर बीमारियों का शिकार! इनसे बचने के ये हैं आसान उपाय

महिलाओं के शरीर में वजाइना सबसे ज्यादा सेंसिटिव अंगों में से एक होता है। यदि इस क्षेत्र की उचित देखभाल न की जाए, तो कई गंभीर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वजाइना में प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, लेकिन जब इन बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। अनहाइजीनिक से*क्स, हॉर्मोनल असंतुलन और प्रतिरोधक क्षमता की कमी भी वजाइना इंफेक्शन का कारण बन सकती है। यीस्ट इंफेक्शन, बैक्टीरियल वेजिनोसिस और यूट्रीन प्रोलैप्स सबसे सामान्य संक्रमणों में शामिल हैं, जिनसे लाखों महिलाएं प्रभावित होती हैं। आइए इन संक्रमणों के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं।

यह भी देखें: Detox Drink: बॉडी को डिटॉक्स करने में अमृत है इन 5 चीजों का पानी! आयुर्वेदिक ड्रिंक से होगी नेचुरल सफाई

यीस्ट इंफेक्शन: कारण और समाधान

यीस्ट इंफेक्शन तब होता है जब वजाइना में कैंडिडा नामक फंगस अधिक मात्रा में बढ़ने लगता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है या अच्छे बैक्टीरिया की संख्या कम हो जाती है। इस संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में वजाइना में खुजली, जलन, और सफेद गाढ़े डिस्चार्ज की समस्या शामिल हैं। कई बार इस संक्रमण में दुर्गंध भी हो सकती है, जिससे महिलाओं को असहजता महसूस होती है।

इसका इलाज एंटिफंगल दवाओं और वैजाइनल थैरेपी से किया जाता है। डॉक्टर की सलाह लेकर ओरल दवाएं या क्रीम का उपयोग किया जा सकता है। यदि यह समस्या बार-बार होती है, तो जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है, जैसे कि सही खानपान और हाइजीन का ध्यान रखना।

बैक्टीरियल वेजिनोसिस

बैक्टीरियल वेजिनोसिस, जिसे गार्डनेरेला वैजिनाइटिस भी कहा जाता है, वजाइना में बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण होता है। यह उन महिलाओं में अधिक देखा जाता है, जो अनियमित सेक्सुअल पार्टनर रखती हैं, लेकिन यह संक्रमण उन महिलाओं में भी पाया गया है जिन्होंने कभी से*क्स नहीं किया। इस संक्रमण के लक्षणों में हल्की जलन, दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज और वजाइना में असहजता शामिल हैं।

कुछ मामलों में यह संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। इसका पता लगाने के लिए पेल्विक जांच करानी चाहिए और संक्रमण की पुष्टि होने पर समय पर इलाज कराना आवश्यक है।

यह भी देखें सरसों का तेल बढ़ाएगा ब्रेस्ट साइज! जानिए सही इस्तेमाल का तरीका और फायदे

सरसों का तेल बढ़ाएगा ब्रेस्ट साइज! जानिए सही इस्तेमाल का तरीका और फायदे

यह भी देखें: सोने से पहले लहसुन के तेल से करें पैरों की मालिश! बेहतर नींद के साथ मिलेंगे ये अद्भुत फायदे

यूट्रीन प्रोलैप्स

यूट्रीन प्रोलैप्स एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं का गर्भाशय नीचे की ओर खिसकने लगता है। यह समस्या अधिकतर उन महिलाओं में देखी जाती है जो कई बार गर्भधारण कर चुकी होती हैं या जिनकी मांसपेशियां कमजोर हो चुकी होती हैं। प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद इस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

इस संक्रमण के लक्षणों में योनि से असामान्य डिस्चार्ज, पेट के निचले हिस्से में भारीपन, और यूरिनरी प्रॉब्लम्स शामिल हैं। अगर यह समस्या गंभीर हो जाती है, तो महिलाओं को चलने-फिरने में भी परेशानी हो सकती है। इसका इलाज व्यायाम, हॉर्मोनल थेरेपी, और कुछ मामलों में सर्जरी से किया जाता है।

संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानियां

महिलाओं को वजाइना संक्रमण से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। हाइजीन का खास ख्याल रखना, अनावश्यक एंटीबायोटिक्स का सेवन न करना, और संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कॉटन के अंडरगार्मेंट्स पहनने और अनहाइजीनिक से*क्स से बचने की सलाह दी जाती है। अगर किसी भी प्रकार की असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यह भी देखें: अगर आप भी लगाते हैं डियो, तो पहले जान लें इसके खतरनाक नुकसान!

यह भी देखें पीरियड्स के दौरान बन रहे ब्लड क्लॉट्स? इन घरेलू उपायों से पाएँ राहत, तुरंत असर दिखेगा!

पीरियड्स के दौरान बन रहे ब्लड क्लॉट्स? इन घरेलू उपायों से पाएँ राहत, तुरंत असर दिखेगा!

Photo of author

Leave a Comment