
गर्मियों के मौसम में बढ़ती तापमान की मार सिर्फ त्वचा या शरीर तक सीमित नहीं रहती, बल्कि आंखों पर भी गहरा असर डालती है। हाल के वर्षों में हीटवेव-Heatwave की तीव्रता और अवधि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे आंखों से जुड़ी समस्याएं जैसे जलन, सूखापन, संक्रमण और यहां तक कि आई स्ट्रोक-Eye Stroke जैसी गंभीर स्थिति देखने को मिल रही है। गर्म हवाओं और तेज धूप के सीधे संपर्क में आने से आंखों की नमी खत्म हो सकती है, जिससे रेटिना और कॉर्निया को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है।
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सनग्लास और UV प्रोटेक्शन का महत्व

तेज धूप में बाहर निकलने पर 100% UVA और UVB सुरक्षा वाले सनग्लास पहनना जरूरी हो जाता है। ये न केवल आंखों को हानिकारक किरणों से बचाते हैं बल्कि मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसे दीर्घकालिक रोगों की संभावना को भी कम करते हैं। इसके अलावा, चौड़ी किनारी वाली हैट्स या कैप्स से आंखों पर सीधी धूप का प्रभाव भी रोका जा सकता है।
दिन के सबसे गर्म समय से दूरी बनाए रखें
दोपहर 10 बजे से 4 बजे तक का समय सबसे अधिक UV रेडिएशन वाला होता है। इस दौरान बाहर जाना आंखों के लिए सबसे अधिक खतरनाक हो सकता है। विशेष रूप से इस समय में बच्चों और बुजुर्गों की आंखों को बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि उनकी आंखों की प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है।
हाइड्रेशन और आंखों की नमी का संबंध

पर्याप्त पानी पीने से सिर्फ शरीर ही नहीं, आंखों की नमी भी बरकरार रहती है। डिहाइड्रेशन आंखों को ड्राई और इरिटेटेड बना सकता है, जिससे ड्राई आई सिंड्रोम जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसे में गर्मियों में हाइड्रेशन बनाए रखना आंखों की सुरक्षा के लिए पहला कदम है।
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आई ड्रॉप्स और घरेलू उपायों की भूमिका
अगर आंखों में सूखापन या जलन महसूस हो, तो डॉक्टर की सलाह से आर्टिफिशियल टियर्स या लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना सहायक हो सकता है। इसके अतिरिक्त, खीरे के स्लाइस, गुलाब जल में भीगे कॉटन पैड या ठंडे टी बैग्स को आंखों पर रखने से आंखों को राहत और ठंडक मिलती है।
स्क्रीन टाइम और डिजिटल थकान

गर्मी के मौसम में अधिकतर लोग घर में रहते हुए स्क्रीन टाइम बढ़ा देते हैं, जिससे आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। 20-20-20 नियम – हर 20 मिनट बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखना – आंखों की थकान को कम करता है और विजुअल हेल्थ को बनाए रखता है।
संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता
गर्मियों में पसीना और धूल आंखों में आसानी से चला जाता है। ऐसे में आंखों को बार-बार गंदे हाथों से छूना संक्रमण को आमंत्रण देता है। हमेशा हाथ धोने के बाद ही आंखों को छूने की आदत डालें, विशेषकर जब आप बाहर से लौटे हों।
नेत्र परीक्षण और गंभीर स्थितियों से पूर्व चेतावनी

अगर आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या थायरॉयड जैसी कोई बीमारी है, तो गर्मियों में आंखों की नियमित जांच जरूर कराएं। ऐसी स्थितियों में हीटवेव का प्रभाव अधिक घातक हो सकता है और आंखों की बीमारियां तेज़ी से बढ़ सकती हैं।
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