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महिलाओं का स्वास्थ्य पुरुषों की तुलना में अधिक जटिल होता है, और स्वस्थ रहने के लिए उन्हें अपने शरीर की विशेष देखभाल करने की आवश्यकता होती है। वर्किंग वुमन हो या हाउस मेकर, बदलती जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण वे अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। नतीजतन, उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। अगर इनका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती हैं। इसीलिए महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं और किसी भी बीमारी को गंभीर होने से पहले ही नियंत्रित करें। इस लेख में हम आपको महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
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1. एनीमिया (Anemia in Women)
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एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो शरीर में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होती है। कई शोधों के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया के मामले अधिक देखे जाते हैं। इसकी पहचान के लिए एक साधारण कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC) टेस्ट पर्याप्त होता है। यदि कमजोरी, सिर दर्द, सांस फूलना, या चक्कर आना जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आयरन और फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके इससे बचाव किया जा सकता है।
2. ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer in Women)
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है। भारत में होने वाले कुल कैंसर मामलों में लगभग 25-32% केस ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। शुरुआती स्टेज में इसका पता चलने पर उपचार की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। महिलाओं को हर दो से तीन साल में एक बार मैमोग्राफी टेस्ट कराना चाहिए। इसके अलावा, यदि किसी महिला को स्तन में गांठ, सूजन, असामान्य द्रव स्राव या दर्द महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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3. सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer in Women)
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भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर 5 में से 1 सर्वाइकल कैंसर केस भारत में पाया जाता है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण के कारण हो सकता है। इससे बचाव के लिए नियमित पेल्विक एग्जाम, पेप स्मीयर टेस्ट और HPV वैक्सीन लगवाना आवश्यक है। शुरुआती पहचान से इस बीमारी का इलाज संभव है।
4. वैजिनाइटिस (Vaginitis in Women)
वैजिनाइटिस एक आम समस्या है, जिसमें वजाइना में जलन, खुजली, असामान्य द्रव स्राव और दर्द की शिकायत होती है। यह बैक्टीरिया, यीस्ट या वायरल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। सही समय पर इसका उपचार न होने से यह यौन संचारित रोग (STI) का खतरा बढ़ा सकता है। इसे रोकने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें और डॉक्टर की सलाह से उचित उपचार लें।
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5. मोटापा (Obesity in Women)
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आज के समय में मोटापा एक गंभीर समस्या बन चुका है। हालांकि यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जाती है, लेकिन महिलाओं में इसका प्रतिशत अधिक पाया जाता है। मोटापा न सिर्फ शरीर की फिटनेस पर असर डालता है, बल्कि यह डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। बॉडी मास इंडेक्स (BMI) टेस्ट करवाकर अपने वजन को नियंत्रित करने की दिशा में काम किया जा सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से मोटापे से बचाव किया जा सकता है।