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बिना सर्जरी घुल जाएंगे किडनी स्टोन! जानिए आयुर्वेद डॉक्टर के 6 रामबाण उपाय

गुर्दे की पथरी अब कोई बड़ी बात नहीं। जानिए कैसे कुल्थी दाल से लेकर तुलसी तक की ये घरेलू औषधियां आपकी पथरी को बिना ऑपरेशन खत्म कर सकती हैं – और वह भी असरदार तरीके से। पढ़ें ये लेख जो आपके दर्द को राहत में बदल सकता है!

By Divya Pawanr
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किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी आज की जीवनशैली में एक आम लेकिन बेहद तकलीफदेह समस्या बन चुकी है। बिना सर्जरी इलाज खोज रहे मरीजों के लिए आयुर्वेद (Ayurveda) एक बेहद कारगर और प्राकृतिक रास्ता पेश करता है। सदियों पुरानी इस चिकित्सा पद्धति में ऐसे कई नुस्खे हैं जो पथरी को घोलने और शरीर से बाहर निकालने की क्षमता रखते हैं। इस लेख में हम ऐसे ही छह प्रभावशाली उपायों पर विस्तार से बात करेंगे जो बिना सर्जरी किडनी स्टोन का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।

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कुल्थी दाल

Kulthi daal

कुल्थी दाल (Horse Gram) को आयुर्वेद में पथरी के लिए रामबाण माना जाता है। यह मूत्रवर्धक होती है और मूत्र की मात्रा बढ़ाकर पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करती है। रोजाना इसके सूप का सेवन करने से किडनी स्टोन प्राकृतिक रूप से घुलकर बाहर निकलने लगता है। यह उपाय खासकर शुरुआती अवस्था की पथरी के लिए बेहद असरदार होता है। हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।

पाषाणभेद या पत्थरचट्टा

पाषाणभेद (Pashanbheda), जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, ‘पत्थर को तोड़ने’ वाला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक पौधा है। इसके पत्तों और जड़ों में ऐसे गुण होते हैं जो किडनी स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर मूत्र मार्ग से बाहर निकालते हैं। मिश्री के साथ इसका सेवन करने से इसका असर और भी तेज हो जाता है।

गोखरू

Gokhru

गोखरू (Gokhru) को आयुर्वेद में मूत्र संबंधी विकारों के इलाज के लिए जाना जाता है। यह किडनी की सफाई करता है और पथरी के आकार को छोटा करने में सहायक होता है। इसके बीजों का चूर्ण नियमित रूप से गर्म पानी के साथ सेवन करने से मूत्रमार्ग खुलता है और पथरी निकलने में मदद मिलती है। यह उपाय उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो बार-बार पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं।

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पुनर्नवा

पुनर्नवा (Punarnava) एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है जो किडनी को डिटॉक्स करने और सूजन को कम करने में कारगर मानी जाती है। इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से मूत्रमार्ग साफ होता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। पुनर्नवा किडनी को फिर से स्वस्थ बनाने में मदद करता है और बार-बार बनने वाली पथरी की आशंका को कम करता है।

तुलसी

तुलसी

तुलसी (Basil) भारतीय घरों की पहचान है और इसके औषधीय गुण किसी से छिपे नहीं हैं। इसके पत्तों में मौजूद यौगिक पथरी को घुलनशील बनाकर मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने का काम करते हैं। तुलसी का रस रोजाना खाली पेट लेने से यह प्रक्रिया तेज होती है। यह एक आसान और प्रभावशाली घरेलू उपाय है जो शरीर पर किसी तरह का दुष्प्रभाव नहीं डालता।

सेब का सिरका

सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) एक ऐसा उपाय है जो आधुनिक और पारंपरिक दोनों चिकित्सा पद्धतियों में उपयोगी माना गया है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड पथरी को धीरे-धीरे घोलता है। गुनगुने पानी में दो चम्मच सिरका मिलाकर रोज पीने से इसका असर दिखने लगता है। यह न सिर्फ पथरी को घुलाने में मदद करता है बल्कि दोबारा बनने से भी रोकता है।

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