
फोड़ा (Abscess) त्वचा या शरीर के किसी अंग में जमा हुआ मवाद (pus) होता है, जो आमतौर पर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण बनता है। यह एक लाल, सूजी और दर्दनाक गांठ के रूप में दिखाई देता है जो अक्सर छूने पर गर्म लगती है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जब बैक्टीरिया से लड़ती है, तो सफेद रक्त कोशिकाएं उस क्षेत्र में एकत्र होती हैं, जिससे मवाद बनता है। यह एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न हो, तो यह गंभीर रूप ले सकती है।
यह भी देखें: Kiwi in Pregnancy: माँ और बच्चे दोनों के लिए वरदान है कीवी – जानिए पोषक तत्व और फायदे
फोड़े के मुख्य लक्षण
फोड़ा (Abscess) का सबसे सामान्य संकेत है मवाद से भरी एक सूजी हुई गांठ, जो लाल रंग की और अत्यधिक दर्दनाक होती है। इसके साथ-साथ शरीर में हल्का बुखार, थकावट और सूजन जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, गांठ का आकार बड़ा होता जाता है और उसमें से मवाद बाहर निकलने लगता है। कुछ मामलों में यह अपने आप फूट जाता है, जिससे अस्थायी राहत मिलती है, लेकिन संक्रमण दोबारा हो सकता है।
फोड़े के होने के प्रमुख कारण
फोड़ा (Abscess) मुख्य रूप से बैक्टीरिया, विशेषकर Staphylococcus aureus, के कारण होता है। जब त्वचा में कोई कट, खरोंच या घाव होता है, तो बैक्टीरिया उस रास्ते से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यह संक्रमण उन लोगों में अधिक देखा जाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, जैसे मधुमेह-Diabetes के मरीज, या जो किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं। त्वचा पर अधिक पसीना आना, गंदगी, और त्वचा की उचित सफाई न होना भी इसके सामान्य कारण हैं।
यह भी देखें: Cold feet causes: क्या आपके हाथ-पैर हमेशा रहते हैं बर्फ जैसे ठंडे? जानिए Cold Feet के कारण और असरदार इलाज!
घरेलू उपाय जो फोड़े में राहत दें
फोड़ा (Abscess) के प्राथमिक इलाज में घरेलू नुस्खे काफी असरदार साबित हो सकते हैं। गर्म सेंक करना सबसे सरल और प्रभावी तरीका है, जिससे मवाद को बाहर निकलने में मदद मिलती है। हल्दी, जिसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना जाता है, दूध के साथ लेने से सूजन और संक्रमण में कमी आती है। नीम का तेल और अरंडी का तेल भी संक्रमण से लड़ने और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। ये उपाय प्रारंभिक अवस्था में उपयोगी हैं, लेकिन यदि फोड़ा गहरा या पुराना हो तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूरी है।
चिकित्सकीय उपचार और देखभाल
अगर फोड़ा (Abscess) बड़ा हो या घर के उपायों से ठीक न हो रहा हो, तो मेडिकल हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है। डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक्स लिखते हैं जो संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं। कुछ मामलों में चीरा लगाकर मवाद निकालना (Incision and Drainage) आवश्यक हो सकता है। आंतरिक फोड़ों या बार-बार लौटने वाले संक्रमण के लिए सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है।
फोड़े से बचाव के आसान उपाय
फोड़े (Abscess) से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। त्वचा पर कोई भी घाव हो तो उसे तुरंत धोकर ढकें। निजी वस्तुएं जैसे तौलिया, रेज़र या अंडरगारमेंट्स किसी और के साथ साझा न करें। यदि आपको मधुमेह, एक्जिमा या कोई त्वचा रोग है, तो उसका इलाज समय पर करवाएं। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना भी संक्रमण से बचाव में मदद करता है।
यह भी देखें: ये पौधा नहीं चमत्कार है! इसका जेल लगाएंगे तो बेजान त्वचा हो जाएगी ग्लोइंग, डैंड्रफ भी होगा खत्म