
Monsoon Dates in India को लेकर इस बार भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जो अनुमान जारी किया है, वह देशभर के किसानों के लिए राहत की सांस लेकर आया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 में अपने तय समय से पहले दस्तक देने वाला है, जिससे खरीफ फसलों की बुवाई समय पर हो सकेगी और उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है।
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अंडमान से होगी मानसून की शुरुआत
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून 13 मई 2025 को अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर सकता है। यह सामान्य तिथि 19 मई से लगभग छह दिन पहले है। मानसून की यह प्रारंभिक प्रगति संकेत देती है कि यह पूरे भारत में अपनी सामान्य गति से आगे बढ़ेगा। दक्षिण भारत, विशेषकर केरल में यह 1 जून तक पहुंचने की संभावना है, जो इसकी सामान्य तिथि है।
सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान
IMD के दीर्घकालिक पूर्वानुमान में बताया गया है कि 2025 में मानसून सीजन के दौरान देशभर में सामान्य से अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है। इस बार मानसून की वर्षा दीर्घकालिक औसत (Long Period Average – LPA) के 105% तक रहने का अनुमान है, जिसमें ±5% की त्रुटि की संभावना शामिल है। यह स्थिति किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हो सकती है क्योंकि इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि और जल संकट में कमी की संभावना बनती है।
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खरीफ फसलों को मिलेगा बढ़ावा
मानसून की समय पर और अधिक मात्रा में होने वाली वर्षा से खरीफ फसलों जैसे धान, गन्ना, मक्का और दलहन की बुवाई में सुविधा होगी। पर्याप्त वर्षा की वजह से किसानों की सिंचाई पर निर्भरता भी घटेगी, जिससे उनकी खेती की लागत कम हो सकती है। बेहतर जल उपलब्धता से खेतों में नमी बनी रहेगी और फसलें स्वस्थ तरीके से बढ़ेंगी। इसके अलावा, कृषि उपज में वृद्धि से किसानों की आय भी बढ़ने की संभावना बनती है।
सरकार की रणनीति और लक्ष्य
भारत सरकार ने मानसून के अच्छे पूर्वानुमान को देखते हुए आगामी वर्ष 2025-26 के लिए खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 354 मिलियन टन रखा है। यह लक्ष्य पिछले साल के मुकाबले लगभग 4% अधिक है। कृषि मंत्रालय द्वारा देशभर में मौसम आधारित बीज वितरण, खेत तैयारी अभियान और तकनीकी मार्गदर्शन की योजनाएं पहले ही तैयार की जा चुकी हैं। किसानों को मौसम की जानकारी समय पर देने के लिए IMD और कृषि विज्ञान केंद्रों के बीच समन्वय को भी मजबूत किया गया है।
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