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प्रेगनेंसी में संबंध बनाने से आसान हो सकती है नॉर्मल डिलीवरी! स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बता दिया

डॉक्टर की मानें तो गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाना न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि यह नॉर्मल डिलीवरी में भी मददगार साबित हो सकता है। जानिए इसके पीछे का मेडिकल लॉजिक और कैसे यह आपके मातृत्व को और सहज बना सकता है।

By Divya Pawanr
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प्रेगनेंसी में संबंध बनाने से आसान हो सकती है नॉर्मल डिलीवरी! स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बता दिया
प्रेगनेंसी में संबंध बनाने से आसान हो सकती है नॉर्मल डिलीवरी! स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बता दिया

प्रेगनेंसी में सेक्स करना चाहिए या नहीं, यह सवाल आज भी कई महिलाओं के मन में बना रहता है। सदियों से चली आ रही पारंपरिक सोच के कारण आज भी कई घरों में गर्भवती महिलाओं को सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि, मेडिकल साइंस और स्त्री रोग विशेषज्ञों की राय इससे बिल्कुल अलग है। खासकर जब बात नॉर्मल डिलीवरी की आती है, तो प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स एक सहायक कारक बन सकता है। इसी विषय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अरुणा कालरा का कहना है कि यदि गर्भावस्था में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है, तो शारीरिक संबंध न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि वे नॉर्मल वेजाइनल डिलीवरी में भी मददगार हो सकते हैं।

क्या कहती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अरुणा कालरा?

प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डॉ अरुणा कालरा ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि प्रेगनेंसी में सेक्स पूरी तरह सुरक्षित है और यह नॉर्मल डिलीवरी को आसान बना सकता है। उन्होंने अपने पोस्ट में खासतौर पर उन महिलाओं का जिक्र किया जो गांवों में रहती हैं या घरों में काम करती हैं। वे महिलाएं गर्भावस्था के दौरान फिजिकली एक्टिव रहती हैं और यही कारण है कि उनकी डिलीवरी सामान्य होती है।

डॉ कालरा का मानना है कि शहरी और कामकाजी महिलाओं में सी-सेक्शन (C-Section) की दर अधिक देखने को मिलती है। इसकी वजह यह हो सकती है कि वे शारीरिक रूप से उतनी सक्रिय नहीं होतीं जितनी ग्रामीण महिलाएं होती हैं। उनका सुझाव है कि गर्भावस्था में जितना अधिक फिजिकल एक्टिविटी होती है, उतनी ही अधिक नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।

इंडियन स्टाइल टॉयलेट और स्क्वाट पोजिशन से मिलते हैं फायदे

डॉ अरुणा कालरा ने यह भी बताया कि गांव की महिलाएं अब भी इंडियन टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करती हैं, जो स्क्वाट पोजिशन में बैठने का अभ्यास कराता है। यह मुद्रा पेल्विक मसल्स (Pelvic Muscles) को लचीला बनाती है और प्रसव के समय शरीर को तैयार करती है। शहरी महिलाओं को भी यही मुद्रा अपनाने की सलाह दी जाती है ताकि उनके शरीर को प्रसव के लिए बेहतर रूप से तैयार किया जा सके।

प्रेगनेंसी में सेक्स कैसे करता है नॉर्मल डिलीवरी में मदद?

डॉ कालरा के अनुसार, प्रेगनेंसी में किया गया सेक्स न सिर्फ आपके रिश्ते में मधुरता लाता है, बल्कि यह शरीर को प्रसव के लिए तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाता है। पुरुषों के सीमन में प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandin) नामक तत्व पाया जाता है, जो गर्भाशय की ग्रीवा (Cervix) को नरम करता है। इससे सर्विक्स खुलने में आसानी होती है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।

डॉ कालरा यह भी सुझाव देती हैं कि अगर महिलाएं प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों में सेक्स करने से हिचकती हैं, तो कम से कम नौवें महीने की शुरुआत से शारीरिक संबंध बनाना शुरू करें। इससे वेजाइनल मसल्स (Vaginal Muscles) मजबूत होती हैं और प्रसव की प्रक्रिया सरल बन सकती है।

शोध क्या कहते हैं?

अप्रैल 2023 में जोसफिन केवेनाग, एंथनी जे केली और जेन थॉमस द्वारा किए गए एक शोध में, 28 महिलाओं पर अध्ययन किया गया कि क्या सेक्स वाकई गर्भाशय ग्रीवा को नरम बनाकर प्रसव को प्रेरित करता है। इस अध्ययन में यह पाया गया कि जिन महिलाओं ने प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में सेक्स किया, उनमें प्रसव की प्रक्रिया अपेक्षाकृत आसान रही।

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हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि केवल पुरुषों के सीमन में मौजूद प्रोस्टाग्लैंडीन को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सेक्स के दौरान गर्भाशय में होने वाले संकुचन और ऑर्गेज्म के समय ऑक्सीटॉसिन (Oxytocin) के स्राव को भी इसके लिए सहायक माना गया। ऑक्सीटॉसिन एक ऐसा हार्मोन है जो दर्द को कम करता है और मानसिक रूप से अच्छा महसूस कराता है।

निप्पल स्टीमुलेशन भी हो सकता है लाभकारी

अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया कि निप्पल स्टीमुलेशन (Nipple Stimulation) भी एक प्रभावी तरीका हो सकता है जिससे ऑक्सीटॉसिन रिलीज होता है और गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन आता है। इससे प्रसव की प्रक्रिया को प्राकृतिक रूप से प्रेरित किया जा सकता है।

क्या यह सभी महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

यह जानना जरूरी है कि प्रेगनेंसी में सेक्स तभी सुरक्षित है जब गर्भावस्था सामान्य हो और डॉक्टर की ओर से किसी विशेष सावधानी की सलाह न दी गई हो। यदि आपको प्लेसेंटा प्रिविया, समय से पहले प्रसव के लक्षण, या अन्य कोई जटिलता है, तो सेक्स से परहेज करना ही बेहतर होता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार की गतिविधि से पहले अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

चलते-चलते

डॉ अरुणा कालरा का यह सुझाव उन दंपतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो प्रेगनेंसी के दौरान अनावश्यक भय और सामाजिक वर्जनाओं के कारण सेक्स से दूरी बना लेते हैं। उनके अनुसार, अगर गर्भावस्था सामान्य है, तो सेक्स शारीरिक और मानसिक रूप से दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है। यह न केवल गर्भाशय को प्रसव के लिए तैयार करता है, बल्कि रिलेशनशिप में भी निकटता बनाए रखता है।

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