
अक्सर कई लोगों मे (Social Anxiety Disorder Symptoms)सोशल एंग्जायटी एक तरह की मानसिक स्थिति बन गई है, जिसके कारण हर कोई व्यक्ति अपने ही सामाजिक माहौल मे खुल-मिल नहीं पाता है, जिसकी वजह से कई व्यक्ति के परिवार ,रिश्तेदारी में बहुत बुरा असर पड़ जाता है। इसके अलावा एंग्जायटी की वजह से इंसान अपनी मन कीअंदर की बात खुद तक की सीमित रखता है। और फिर खुद ही कुछ टाइम बाद वहाँ अकेलेपन का शिकार भी हो जाते हैं।
सोशल एंग्जायटी: जब ‘लोग क्या कहेंगे’ बन जाता है डर का कारण
आपकी जानकारी के लिए बता दे की अगर किसी समारोह, शादी, पार्टी या यहां तक कि अपने ही घर आए मेहमानों से मिलने पर मन में यह डर बैठ जाए कि “लोग क्या सोचेंगे?”, तो आपको खुद से समझ जाना चाहिए की आप सोशल एंग्जायटी (Social Anxiety) से जूझ रहे हैं। क्योंकि यह केवल शर्मीलापन नहीं है, बल्कि एक मानसिक विकार है जो व्यक्ति के आत्मविश्वास और सामाजिक जीवन दोनों को प्रभावित करता है।
कोरोना महामारी के बाद और बढ़ी समस्या
सरकार ने World Health Organization (WHO) के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में सोशल एंग्जायटी के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है। एक स्टडी के अनुसार, पीकिंग यूनिवर्सिटी (Peking University) की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना से पहले की तुलना में अब करीब 43 प्रतिशत लोगों में सोशल एंग्जायटी बढ़ गई है, जबकि 28 प्रतिशत लोगों ने माना कि महामारी के कारण उनकी सोशल एंग्जायटी में कमी आई है।
पुडुचेरी स्टडी में सामने आया चौंकाने वाला डेटा
भारत के पुडुचेरी में दिसंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच किए गए एक शोध में यह बात सामने आई कि 10 से 13 वर्ष के बच्चों में सोशल एंग्जायटी के मामले तेज़ी से उभर रहे हैं। कुल 1081 बच्चों पर किए गए इस अध्ययन में से 738 बच्चे सोशल एंग्जायटी से पीड़ित पाए गए। खास बात यह रही कि इनमें से 520 लड़के थे, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि लड़कों में सोशल एंग्जायटी की प्रवृत्ति अधिक है।
लक्षण जो सोशल एंग्जायटी की ओर इशारा करते हैं
सोशल एंग्जायटी को अक्सर आम शर्मीलापन मानकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन इसके लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है ताकि समय रहते उपचार संभव हो सके।
कहीं जाने में महसूस होती है घबराहट
इस मानसिक स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी प्रकार की सोशल गैदरिंग, जैसे शादी, पार्टी, पारिवारिक फंक्शन या दोस्तों के साथ मिलने में घबराहट महसूस होती है। वे अक्सर इन आयोजनों से दूरी बना लेते हैं या वहां जाकर भी खुद को एक कोने में अलग-थलग रखते हैं।
बातचीत से बचने की आदत
Social Anxiety Disorder से ग्रसित लोग आमतौर पर अनजान लोगों से मिलने से कतराते हैं। यदि किसी कारणवश उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जाना भी पड़े तो वे दूसरों से बातचीत नहीं करते या फिर संकोच के कारण बातचीत को आगे नहीं बढ़ा पाते।
आत्म-संदेह और खुद को कमतर समझना
सोशल एंग्जायटी का एक प्रमुख लक्षण यह है कि व्यक्ति खुद को दूसरों से कमतर महसूस करता है। उन्हें यह डर सताता रहता है कि लोग उनकी कमियों पर ध्यान देंगे या उनका मज़ाक उड़ाएंगे। वे अपने ऊपर बार-बार सवाल उठाते हैं और खुद की आलोचना करने लगते हैं।
फिजिकल लक्षण भी होते हैं साफ़
इस फोबिया से ग्रसित लोगों में सिर्फ मानसिक नहीं, बल्कि शारीरिक लक्षण भी देखे जाते हैं। जैसे – किसी से बात करते समय पसीना आना, हाथ-पैर कांपना, दिल की धड़कनों का तेज़ होना आदि। ऐसे लोग स्टेज पर बोलने या इंटरव्यू देने से कतराते हैं और अक्सर महत्वपूर्ण अवसरों को छोड़ देते हैं।
क्या यह सिर्फ शर्मीलापन है?
बहुत से लोग सोशल एंग्जायटी को सिर्फ एक स्वाभाविक शर्मीलापन समझ लेते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह एक गहरी मानसिक स्थिति है, जिसे समय रहते पहचाना और उपचारित किया जाना चाहिए। यह व्यक्ति के करियर, रिश्तों और आत्मविश्वास पर सीधा असर डालता है।
सोशल एंग्जायटी के समाधान की दिशा में कदम
यदि आप उपरोक्त लक्षणों में खुद को पहचानते हैं तो यह ज़रूरी है कि आप मनोचिकित्सक से परामर्श लें। थेरेपी, मेडिटेशन, योगासन, और सकारात्मक आत्म-चिंतन इस स्थिति से उबरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, आयुर्वेद में भी कई हर्ब्स और विधियां बताई गई हैं जो स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने में प्रभावशाली हैं।