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दांतों का दर्द और सड़न खत्म करने वाला देसी नुस्खा! आयुर्वेद डॉक्टर की चमत्कारी टिप्स जानिए

क्या आपके दांतों में लगातार दर्द या सड़न है? बिना दवाइयों और महंगे इलाज के पाए राहत! जानिए वे चमत्कारी आयुर्वेदिक उपाय जो आपके दांतों को फिर से मजबूत और चमकदार बना सकते हैं!

By Divya Pawanr
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दांतों का दर्द और सड़न (Toothache and Tooth Decay) एक आम समस्या है, जो अगर समय पर ठीक न की जाए तो गंभीर रूप ले सकती है। आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, प्राकृतिक उपचारों से इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है। आज हम आपको आयुर्वेद डॉक्टर द्वारा बताए गए कुछ चमत्कारी देसी नुस्खे बताएंगे, जो दांतों के दर्द और सड़न को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं।

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लौंग का तेल

Clove oil

लौंग का तेल (Clove Oil) दांत दर्द में तुरंत राहत देने के लिए सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है। इसमें मौजूद यूजेनॉल (Eugenol) दर्द निवारक और रोगाणुरोधी गुणों से भरपूर होता है। एक रुई के फाहे को लौंग के तेल में भिगोकर प्रभावित दांत पर लगाने से दर्द काफी हद तक कम हो जाता है।

सरसों का तेल, हल्दी और खाने का सोडा

सरसों का तेल (Mustard Oil), हल्दी (Turmeric) और खाने का सोडा (Baking Soda) मिलाकर बनाया गया पेस्ट भी दांतों के दर्द और सड़न के लिए बेहद कारगर है। इस मिश्रण से नियमित मंजन करने पर न केवल दांतों की चमक बढ़ती है, बल्कि मसूड़ों से खून आना, दांतों की जड़ें कमजोर होना जैसी समस्याएँ भी दूर होती हैं।

लहसुन और नमक

लहसुन

लहसुन (Garlic) और नमक (Salt) का पेस्ट भी एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है। लहसुन के प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण संक्रमण से लड़ते हैं और नमक दर्द को कम करने के साथ-साथ कीटाणुनाशक का कार्य करता है। इस पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाने से तात्कालिक आराम मिलता है और सड़न का खतरा भी घटता है।

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गर्म पानी और नमक से कुल्ला

गर्म पानी और नमक (Salt Water) से कुल्ला करना भी बेहद सरल परंतु प्रभावी उपाय है। यह तकनीक दांतों के बीच जमा बैक्टीरिया को खत्म करती है और मसूड़ों की सूजन को भी शांत करती है। यदि इसे दिन में दो से तीन बार अपनाया जाए तो दांतों की सेहत में तेजी से सुधार होता है।

त्रिफला माउथवॉश

त्रिफला चूर्ण का सेवन

त्रिफला (Triphala) का माउथवॉश एक आयुर्वेदिक चमत्कार की तरह काम करता है। त्रिफला के कसैले और जीवाणुनाशक गुण न केवल मुंह की सफाई करते हैं, बल्कि मसूड़ों को भी मजबूत बनाते हैं। नियमित उपयोग से दांतों की सड़न से बचाव होता है और सांसों में भी ताजगी बनी रहती है।

घरेलू नुस्खे अपनाते समय जरूरी सावधानियाँ

इन उपायों के साथ यह जरूरी है कि दांतों की नियमित सफाई की जाए और जरूरत पड़ने पर किसी योग्य दंत चिकित्सक से सलाह ली जाए। यह बात समझनी जरूरी है कि घरेलू उपचार तात्कालिक राहत दे सकते हैं, लेकिन यदि सड़न गहरी हो गई हो तो पेशेवर उपचार अनिवार्य हो जाता है।

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