दूब घास (Doob Grass) को आयुर्वेद में एक विशेष स्थान प्राप्त है। यह घास केवल एक सामान्य पौधा नहीं बल्कि एक चमत्कारी औषधि है, जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, दूब घास में कई औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह तनाव (Stress) को कम करता है, नकसीर (Nose Bleeding) की समस्या को दूर करता है, मुँह के छालों (Mouth Ulcers) में राहत देता है, सिरदर्द (Headache) को ठीक करता है और आँखों (Eyes) की समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर होता है।
तनाव को दूर करने में मददगार
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बन गई है। दूब घास का सेवन करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। यह घास मस्तिष्क की तंत्रिकाओं को शांत करती है, जिससे डिप्रेशन (Depression) और एंग्जायटी (Anxiety) जैसी मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।
नकसीर की समस्या से राहत
गर्मियों में नकसीर फूटना एक आम समस्या है। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, दूब घास का रस या इसका लेप नाक पर लगाने से नकसीर की समस्या को रोका जा सकता है। यह ठंडक प्रदान करता है और शरीर में पित्त दोष (Pitta Dosha) को संतुलित करता है।
मुँह के छालों से आराम
अगर बार-बार मुँह में छाले हो जाते हैं तो दूब घास का रस या इसका काढ़ा बनाकर कुल्ला करना बहुत फायदेमंद होता है। यह घास एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) और एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुणों से भरपूर होती है, जो मुँह के छालों को जल्दी ठीक करने में सहायक होती है।
सिर दर्द से राहत
सिर दर्द से परेशान लोगों के लिए दूब घास किसी वरदान से कम नहीं है। इसका रस पीने या माथे पर इसका लेप लगाने से सिर दर्द में तुरंत आराम मिलता है। दूब घास में प्राकृतिक रूप से मौजूद ठंडक देने वाले तत्व सिर दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।
आँखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक
आँखों की कमजोरी और जलन जैसी समस्याओं के लिए दूब घास का सेवन बेहद लाभदायक होता है। इसके रस को सुबह खाली पेट पीने से आँखों की रोशनी (Eyesight) तेज होती है और नेत्र संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। इसके अलावा, इसे आँखों पर लगाने से जलन और सूजन कम होती है।