
कान पर पिंपल्स (Pimples) निकलना एक सामान्य लेकिन बेहद पीड़ादायक समस्या है, जो कई बार हमारे ध्यान में तब आती है जब हल्की सी छुअन भी तीव्र दर्द पैदा कर देती है। कान के अंदर या पीछे पिंपल्स होना चेहरे की त्वचा की तरह ही आम है, परंतु इसका कारण, लक्षण और इलाज कुछ अलग होता है। जब रोमछिद्र (pores) गंदगी, पसीने और सीबम से बंद हो जाते हैं, तो सूजन के साथ दर्दनाक पिंपल्स उभर आते हैं। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक ईयरबड्स या हेडफोन पहनते हैं, गंदे तकियों पर सोते हैं या बार-बार कानों को छूते हैं।
यह भी देखें: पिंपल्स से छुटकारा पाना है तो आजमाएं ये घरेलू नुस्खे – मुंहासे होंगे गायब, चेहरा निखरेगा
क्यों होते हैं कान में पिंपल्स?
कान में पिंपल्स का प्रमुख कारण रोमछिद्रों का बंद होना होता है। त्वचा में मौजूद सीबेसियस ग्लैंड्स जब अधिक सीबम बनाती हैं और वह मृत त्वचा कोशिकाओं के साथ मिलकर कान की त्वचा पर जमा हो जाती है, तब संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ जाता है। यह संक्रमण कान की त्वचा को लाल, सूजनयुक्त और बेहद संवेदनशील बना देता है। साथ ही, बार-बार कानों में उंगली डालना, बिना साफ किए ईयरबड्स का इस्तेमाल, और कान की ठीक तरह से सफाई न करना भी इसकी मुख्य वजहों में शामिल है। कई बार हार्मोनल बदलाव या अत्यधिक धूल-धूप में रहना भी कान में पिंपल्स के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
घरेलू उपाय जो लाते हैं राहत
यदि आप महंगे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स या दवाइयों के बिना ही इस समस्या से निजात पाना चाहते हैं, तो कुछ असरदार घरेलू उपाय निश्चित रूप से मददगार साबित हो सकते हैं। लहसुन का तेल, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होता है, कान के पिंपल्स पर लगाने से संक्रमण को कम करता है और दर्द से राहत दिलाता है। इसके लिए 2-3 लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें, ठंडा होने पर इसे कान के बाहरी हिस्से पर लगाएं।
एक अन्य घरेलू समाधान है दालचीनी और काली मिर्च का पेस्ट। यह मिश्रण त्वचा को अंदर से साफ करने का काम करता है और सूजन को तेजी से घटाता है। चुटकी भर दोनों पाउडर में पानी मिलाकर बने लेप को पिंपल्स पर लगाने से जलन कम होती है और त्वचा जल्दी ठीक होती है।
यह भी देखें: कमजोर बाल भी होंगे दोगुनी तेजी से घने और मजबूत! बस 15 दिन तक अपनाएं ये आसान तरीका
तुलसी की पत्तियों में मौजूद प्राकृतिक औषधीय गुण और कपूर की ठंडी प्रकृति, जब एक साथ प्रयोग में लाई जाती है, तो यह मिश्रण कान के पिंपल्स को जल्दी सुखाने और दर्द को दूर करने में कारगर होता है। तुलसी को पीसकर उसमें थोड़ा कपूर मिलाएं और इसे सीधे पिंपल्स पर लगाएं।
सावधानी और स्वच्छता है सबसे जरूरी
घरेलू उपचारों के साथ-साथ, कान की सफाई और स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। रोजाना नहाते समय कान के बाहरी हिस्से को हल्के हाथों से साफ करें और कोशिश करें कि कानों में कोई भी गंदा उपकरण न डालें। मोबाइल फोन या हेडफोन का उपयोग करते समय उनकी सफाई जरूर करें ताकि बैक्टीरिया का संक्रमण दोबारा न हो। इसके अलावा, संतुलित आहार और भरपूर पानी पीने की आदत भी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है।
यह भी देखें: ब्लड शुगर बढ़ रही है? ये 5 संकेत बिल्कुल भी न करें नजरअंदाज – हो जाएं अलर्ट!