
बीमारियों से लेकर टोटकों तक काम आता है ये खास फल! हम बात कर रहे हैं माल्टा की, जिसे पहाड़ी संतरा भी कहा जाता है। यह फल उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों की पर्वतीय ढलानों पर उगता है और इसमें कई औषधीय गुण छिपे होते हैं। माल्टा का वैज्ञानिक नाम Citrus sinensis है और यह फल सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा में भी बेहद उपयोगी माना जाता है।
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पोषण तत्वों से भरपूर है माल्टा
माल्टा में विटामिन C, विटामिन A, पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एक मध्यम आकार के माल्टा में करीब 85 कैलोरी होती है, जबकि इसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल या सोडियम नहीं पाया जाता। इसकी यही विशेषता इसे एक आदर्श हेल्दी स्नैक बनाती है। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा देता है और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को करता है मजबूत
माल्टा में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला विटामिन C शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाता है। यह कोलेजन के निर्माण को प्रोत्साहित करता है, जो हड्डियों, त्वचा और मांसपेशियों की मजबूती के लिए ज़रूरी है। सर्दियों में यह फल फ्लू, जुकाम और अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में सहायक होता है, जिससे यह मौसमी संक्रमण के लिए एक नेचुरल शील्ड की तरह कार्य करता है।
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पाचन तंत्र का रखता है ध्यान
माल्टा में लगभग 3 ग्राम डायटरी फाइबर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। यह आंतों की गति को सुधारता है, मल त्याग को नियमित करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र सक्रिय रहता है और गैस्ट्रिक परेशानियां दूर होती हैं।
वजन घटाने में देता है सहारा
वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए माल्टा एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी कम कैलोरी और उच्च फाइबर सामग्री पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और बार-बार भूख लगने से बचाती है। साथ ही, यह मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है जिससे फैट बर्निंग की प्रक्रिया तेज होती है।
हृदय को रखता है स्वस्थ
माल्टा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह रक्तचाप को संतुलित करता है और हृदय की धमनियों में जमा होने वाली गंदगी को साफ करता है। इसके नियमित सेवन से हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है, जिससे यह कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
त्वचा को देता है प्राकृतिक चमक
माल्टा के सेवन से त्वचा में निखार आता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। यह मुंहासों, झुर्रियों और रुखी त्वचा की समस्याओं में भी मदद करता है, जिससे स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनी रहती है।
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पारंपरिक चिकित्सा और टोटकों में माल्टा की भूमिका
माल्टा सिर्फ पोषण और स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उपयोग पारंपरिक टोटकों और घरेलू उपचारों में भी होता आया है। इसके छिलकों को सुखाकर उनका चूर्ण त्वचा की समस्याओं और सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयोग किया जाता है। पुराने समय में इसे भूख बढ़ाने, अपच की समस्या में राहत देने और यहां तक कि स्तन कैंसर के घावों में लगाने के लिए भी प्रयोग किया जाता था। कुछ क्षेत्रों में इसे बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाले टोटकों में भी इस्तेमाल किया जाता है।