
साल में सिर्फ 4 महीने मिलने वाला सरसों का फूल ना सिर्फ खेतों की शोभा बढ़ाता है, बल्कि यह त्वचा की कई समस्याओं को प्राकृतिक तरीके से दूर करने में भी बेहद असरदार है। सरसों का फूल सर्दियों के अंतिम चरण और बसंत ऋतु के शुरुआती महीनों में पाया जाता है, और इसी दौरान इसका औषधीय उपयोग सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। आयुर्वेद में सरसों के फूल को त्वचा के लिए एक प्राकृतिक उपचार माना गया है, जो बिना किसी खर्च और साइड इफेक्ट के चेहरे की समस्याएं जैसे मुंहासे, दाग-धब्बे और खुजली को खत्म करने की क्षमता रखता है।
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त्वचा पर सरसों के फूल का असर क्यों होता है खास
सरसों के फूलों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो त्वचा को संक्रमण से बचाने और उसे अंदर से साफ करने में मदद करते हैं। जिन लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है और जो गर्मी या प्रदूषण की वजह से बार-बार त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं, उनके लिए सरसों का फूल एक किफायती और नेचुरल समाधान हो सकता है। इसका नियमित उपयोग चेहरे की स्किन को टाइट और ब्राइट करता है, साथ ही नेचुरल ग्लो भी लाता है।
स्किन केयर रूटीन में कैसे करें सरसों के फूल का इस्तेमाल
सरसों के फूलों को त्वचा पर सीधे लगाने से पहले इन्हें हल्के गर्म पानी में उबालकर उसका अर्क तैयार किया जा सकता है। इस पानी को चेहरे पर स्प्रे की तरह या फेस वॉश के रूप में इस्तेमाल किया जाए तो यह त्वचा को डिटॉक्स करता है और रोमछिद्रों को खोलकर गंदगी को बाहर निकालता है। इसके अलावा, सूखे फूलों को पीसकर होममेड फेस पैक भी तैयार किया जा सकता है, जिसे हफ्ते में दो बार लगाने से त्वचा की रंगत निखरती है और एलर्जी जैसी समस्याएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं।
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शरीर की गर्मी और पित्त दोष को भी करता है नियंत्रित
सरसों के फूल सिर्फ बाहरी स्किन केयर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसका अर्क पीने से शरीर की गर्मी कम होती है और पाचन तंत्र भी बेहतर बनता है। आयुर्वेद के अनुसार, सरसों पित्त और कफ दोष को संतुलित करने की ताकत रखता है, जिससे त्वचा पर होने वाले रिएक्शन्स और इन्फेक्शन की संभावना घटती है। गर्मियों की शुरुआत में सरसों से बना काढ़ा या हल्का शरबत न केवल शरीर को ठंडक देता है बल्कि अंदरूनी सफाई भी करता है।
आयुर्वेदिक और देसी नुस्खों में सरसों की भूमिका
गांवों और आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों के फूलों का उपयोग कई पीढ़ियों से सौंदर्य और स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। पुराने समय में जब ब्यूटी प्रोडक्ट्स या केमिकल्स नहीं थे, तब महिलाएं और पुरुष सरसों के फूलों का रस और पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाते थे। आज भी यह देसी नुस्खा उतना ही प्रभावी है, खासकर उन लोगों के लिए जो महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स के साइड इफेक्ट्स से परेशान हैं और एक नेचुरल विकल्प की तलाश में हैं।
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