भारत में दूध, दही, घी जैसी डेयरी प्रोडक्ट्स को सुपरफूड माना जाता है। ये हमारी संस्कृति और खानपान का हिस्सा हैं। लेकिन सच यह है कि करीब 70% भारतीय लैक्टोज़ को पचा नहीं पाते, जिससे कब्ज़, गैस और ब्लोटिंग जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, फल-सब्ज़ियों की घटती मात्रा ने लोगों के पाचन तंत्र पर बुरा असर डाला है, जिससे माइग्रेन और सिरदर्द जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
लैक्टोज़ इनटोलरेंस और पाचन तंत्र पर प्रभाव
लैक्टोज़ इनटोलरेंस से जूझ रहे लोगों के लिए दूध और अन्य डेयरी उत्पादों का पाचन मुश्किल हो जाता है। इसके कारण गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग होती है, जो न केवल पेट की समस्याएं पैदा करती हैं बल्कि नर्वस सिस्टम पर भी प्रेशर डालती हैं। यह माइग्रेन को ट्रिगर करने के साथ-साथ सिरदर्द का एक बड़ा कारण बन सकता है।
डाइट में फल और सब्ज़ियों की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। फल-सब्ज़ियों से मिलने वाला फाइबर पाचन को सही रखता है और आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि फाइबर की कमी से मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक और फैटी लिवर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
खानपान का संबंध दिल और दिमाग से
खानपान सिर्फ पाचन को नहीं, बल्कि दिल और दिमाग को भी प्रभावित करता है। जब पाचन सही नहीं होता, तो ब्लोटिंग से नर्वस सिस्टम पर दबाव बढ़ता है, जिससे माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि “पाचन सही तो स्वास्थ्य सही।”
योग और प्राचीन घरेलू नुस्खे इस स्थिति में कारगर साबित हो सकते हैं। योग एंडोर्फिन हार्मोन को रिलीज़ करता है, जो प्राकृतिक दर्द निवारक का काम करता है। ध्यान, अनुलोम-विलोम और सही खानपान जैसे उपाय सिरदर्द और माइग्रेन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
सिरदर्द और माइग्रेन के लिए असरदार घरेलू नुस्खे
सिरदर्द को दूर करने के लिए बादाम रोगन और लौंग का तेल जैसे घरेलू उपाय बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। नारियल और लौंग के तेल को सिर में लगाने से तुरंत आराम मिलता है। माइग्रेन के लिए देसी घी में बनी जलेबी और गाय का दूध असरदार उपाय माना जाता है।
इसके साथ ही, हरी सब्ज़ियां और अंकुरित अनाज खाना शरीर में पित्त और कफ को संतुलित करता है, जो सिरदर्द को दूर रखने में मददगार है।
माइग्रेन और सिरदर्द के चौंकाने वाले आंकड़े
दुनिया भर में माइग्रेन हर 7वें व्यक्ति को प्रभावित करता है। हर 5 में से 1 महिला और हर 15 में से 1 पुरुष माइग्रेन के शिकार हैं। भारत में 21 करोड़ से ज्यादा लोग माइग्रेन से परेशान हैं, जिनमें 60% महिलाएं शामिल हैं।
सही खानपान और जीवनशैली है समाधान
सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं से बचने के लिए सही खानपान और संतुलित जीवनशैली बेहद जरूरी है। लैक्टोज़ इनटोलरेंस से जूझ रहे लोगों को डेयरी उत्पादों की बजाय फलों, सब्ज़ियों और फाइबर युक्त आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही, योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।