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Kiwi in Pregnancy: माँ और बच्चे दोनों के लिए वरदान है कीवी – जानिए पोषक तत्व और फायदे

गर्भवती महिलाओं के लिए कीवी एक पौष्टिक और फायदेमंद फल है। इसमें मौजूद विटामिन C, फोलेट, पोटैशियम और फाइबर माँ और भ्रूण दोनों के लिए अत्यंत लाभदायक हैं। पहली से तीसरी तिमाही तक इसके अलग-अलग फायदे हैं। यह प्रतिरक्षा बढ़ाता है, पाचन सुधारता है और रक्तचाप नियंत्रित करता है। संतुलित सेवन से यह गर्भावस्था को सहज और सुरक्षित बना सकता है।

By Divya Pawanr
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गर्भावस्था के दौरान खानपान में विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है, और ऐसे में Kiwi in Pregnancy एक ऐसा विषय है जो हर माँ बनने वाली महिला को जानना चाहिए। कीवी न केवल स्वाद में अद्भुत होता है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर यह फल गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भस्थ शिशु के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यह लेख इस विषय में विस्तार से जानकारी देता है कि गर्भावस्था में कीवी क्यों खाना चाहिए और कैसे यह एक संपूर्ण सुपरफूड के रूप में कार्य करता है।

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कीवी में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व

कीवी एक अत्यंत पौष्टिक फल है जो गर्भवती महिलाओं की बदलती जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है। इसमें विटामिन C, फोलेट (Vitamin B9), फाइबर, पोटैशियम, विटामिन K और E जैसे आवश्यक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। विटामिन C जहां इम्युनिटी को मजबूत करता है, वहीं फोलेट भ्रूण के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में सहायता करता है। फाइबर गर्भावस्था के दौरान होने वाली आम समस्या – कब्ज – से राहत दिलाता है, और पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। विटामिन E और K त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और रक्त के थक्के बनने में मदद करते हैं।

पहली तिमाही में कीवी का महत्व

गर्भावस्था की पहली तिमाही सबसे संवेदनशील होती है क्योंकि इसी दौरान भ्रूण का तंत्रिका तंत्र विकसित होता है। इस प्रक्रिया में फोलेट की प्रमुख भूमिका होती है और कीवी इस पोषक तत्व का बेहतरीन स्रोत है। इसलिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में कीवी को आहार का हिस्सा जरूर बनाएं।

दूसरी तिमाही में पोषण की पूर्ति

दूसरी तिमाही में शिशु का शारीरिक विकास तेजी से होता है, और इस समय शरीर को अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। कीवी में मौजूद विटामिन C शरीर में आयरन के अवशोषण को बेहतर बनाता है जिससे गर्भवती महिलाओं को एनीमिया जैसी समस्याओं से बचाव मिलता है। साथ ही यह ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में भी सहायक होता है।

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तीसरी तिमाही में राहत और नियंत्रण

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में शारीरिक वजन और ब्लड प्रेशर में असंतुलन आम समस्या है। कीवी में पाया जाने वाला पोटैशियम इस समय ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है और डाइजेशन सिस्टम को भी संतुलित बनाए रखता है। यह गर्भावस्था के अंतिम चरण में होने वाली गैस, एसिडिटी और भारीपन की समस्याओं को कम करता है।

संतुलित मात्रा में सेवन ज़रूरी

हालाँकि कीवी अत्यंत फायदेमंद फल है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन भी हानिकारक हो सकता है। कीवी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो अत्यधिक मात्रा में लेने पर दस्त या पेट दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। साथ ही, कुछ लोगों को कीवी से एलर्जी हो सकती है, जिससे मुँह में जलन, सूजन या गले में खराश महसूस हो सकती है। इसलिए दिन में एक या दो कीवी का सेवन पर्याप्त माना जाता है और किसी भी प्रकार की असहजता महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।

आहार में कीवी को कैसे करें शामिल

गर्भवती महिलाएं कीवी को कई रूपों में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसे सुबह के नाश्ते में दही या ओट्स के साथ मिलाकर, स्मूदी के रूप में, फ्रूट सलाद के साथ या सीधे छीलकर खाया जा सकता है। कीवी का स्वाद न केवल ताजगी देता है बल्कि यह आपको और आपके बच्चे को जरूरी पोषण भी प्रदान करता है।

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