
पुरुषों में बढ़ता ब्रेस्ट साइज केवल एक सौंदर्य या शर्मिंदगी का विषय नहीं है, बल्कि यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या या हार्मोनल असंतुलन का संकेत भी हो सकता है। मेडिकल भाषा में इसे गाइनेकोमैस्टिया (Gynecomastia) कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब पुरुषों के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है या चेस्ट एरिया में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि इसका मूल कारण क्या है — फैट या कोई अन्य हार्मोनल गड़बड़ी।
हार्मोनल असंतुलन से गड़बड़ाता है शरीर का सिस्टम
पुरुषों के शरीर में सामान्यतः टेस्टोस्टेरोन हार्मोन प्रमुख होता है, लेकिन जब शरीर में एस्ट्रोजन (स्त्री हार्मोन) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है या टेस्टोस्टेरोन कम हो जाता है, तो यह असंतुलन सीधे तौर पर ब्रेस्ट टिशू को प्रभावित करता है। यह स्थिति किशोरावस्था में हार्मोनल बदलावों के कारण अस्थायी रूप से हो सकती है, लेकिन यदि यह समस्या वयस्क अवस्था या बुढ़ापे में दिखाई दे, तो यह किसी गहरी चिकित्सकीय समस्या की ओर इशारा कर सकती है।
हाई फैट डाइट और फास्ट फूड भी है जिम्मेदार
शरीर में बढ़ते फैट का सबसे बड़ा कारण है अनहेल्दी डाइट। आज के दौर में फास्ट फूड, जंक फूड, और हाई फैट डाइट का चलन इतना बढ़ गया है कि लोग बिना पोषण के केवल स्वाद पर ध्यान देते हैं। इस तरह की डाइट शरीर में फैट को तेजी से जमा करती है, खासकर पेट और चेस्ट के आसपास। अगर आपकी जीवनशैली में शारीरिक गतिविधियां न के बराबर हैं, तो यह चेस्ट एरिया में फैट जमा होने और ब्रेस्ट उभार की सी स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जिसे मेडिकल रूप से प्सूडोगाइनेकोमैस्टिया (Pseudogynecomastia) कहा जाता है।
कुछ दवाइयों का साइड इफेक्ट भी बना सकता है ब्रेस्ट की परेशानी का कारण
अगर आप एंटी-डिप्रेशन, एंटी-एंग्जायटी, या दिल से जुड़ी दवाइयां लंबे समय तक ले रहे हैं, तो हो सकता है कि ये दवाएं आपके शरीर के हार्मोन स्तर को प्रभावित कर रही हों। रिसर्च के अनुसार कुछ दवाइयां जैसे स्पिरोनोलैक्टोन, कुछ एंटीबायोटिक या एंटी-अल्सर दवाएं, टेस्टोस्टेरोन को कम कर सकती हैं, जिससे एस्ट्रोजन का प्रभाव बढ़ जाता है और ब्रेस्ट टिशू को बढ़ावा मिलता है।
गलत एक्सरसाइज रूटीन से भी बिगड़ सकता है अनुपात
कई पुरुष जिम में घंटों पसीना बहाते हैं, लेकिन अगर उनकी एक्सरसाइज रूटीन में संतुलन नहीं है, तो परिणाम उल्टे हो सकते हैं। केवल अपर बॉडी या सिर्फ आर्म्स पर ध्यान केंद्रित करने से चेस्ट एरिया का मसल और फैट अनुपात बिगड़ सकता है। अगर सही तरीके से कार्डियो, फुल बॉडी वर्कआउट, और स्टे्रचिंग न की जाए, तो ब्रेस्ट एरिया असामान्य रूप से उभरा हुआ लगने लगता है।
मानसिक तनाव भी बन सकता है ब्रेस्ट साइज बढ़ने का कारण
लगातार तनाव और मानसिक दबाव शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन को बढ़ाता है, जो कि हार्मोनल बैलेंस को प्रभावित करता है। जब शरीर में तनाव अधिक होता है, तब यह टेस्टोस्टेरोन को दबा सकता है और एस्ट्रोजन का प्रभाव बढ़ा सकता है, जिससे पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू की ग्रोथ हो सकती है। इसलिए मानसिक शांति और नियमित मेडिटेशन जैसी गतिविधियां भी इस समस्या से बचाव में अहम भूमिका निभाती हैं।
कब मिलना चाहिए डॉक्टर से?
अगर आपको महसूस हो कि ब्रेस्ट साइज में अचानक बदलाव आ रहा है, उसमें दर्द है, गांठ जैसी कोई चीज महसूस हो रही है, या दोनों तरफ असमानता है, तो इसे सामान्य फैट समझकर नजरअंदाज न करें। ये संकेत किसी गंभीर मेडिकल कंडीशन जैसे ब्रेस्ट ट्यूमर, लिवर डिसऑर्डर, या थायरॉइड प्रॉब्लम के भी हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत किसी अनुभवी फिजिशियन, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट या जनरल फिजिशियन से संपर्क करें।