
सफेद दाग, जिसे मेडिकल भाषा में विटिलिगो-Vitiligo कहा जाता है, एक ऑटोइम्यून स्किन डिसऑर्डर है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम त्वचा की मेलानिन सेल्स पर हमला करती है। इसके चलते त्वचा पर सफेद चकत्ते उभर आते हैं। इस स्थिति में सिर्फ दवाइयां ही नहीं, बल्कि सही खानपान भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। कुछ खास खाद्य पदार्थ इस रोग की प्रगति को तेज कर सकते हैं, जिससे त्वचा की हालत और खराब हो सकती है।
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विटामिन सी युक्त फल और साइट्रस फूड्स

सफेद दाग के मरीजों को साइट्रस यानि खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा, अनानास, अमरूद और टमाटर से बचने की सलाह दी जाती है। इन फलों में मौजूद विटामिन सी मेलेनिन के निर्माण को प्रभावित कर सकता है, जिससे सफेद दाग बढ़ सकते हैं। त्वचा के रंग को बनाए रखने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाना ही बेहतर होता है।
दही, छाछ और अन्य खट्टी डेयरी चीजें
खट्टी डेयरी प्रोडक्ट जैसे दही और छाछ, विटिलिगो में समस्या को और गंभीर बना सकते हैं। इनका पाचन कई बार त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और इम्यून रिएक्शन को ट्रिगर कर सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि ऐसे पदार्थों का सीमित या पूर्ण रूप से परहेज करें।
मछली और रेड मीट

जिन लोगों को विटिलिगो की शिकायत है, उन्हें प्रोटीन का स्त्रोत सोच-समझकर चुनना चाहिए। मछली और रेड मीट जैसे हैवी प्रोटीन स्रोत शरीर में ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को तेज कर सकते हैं और सफेद दाग को फैलने का मौका दे सकते हैं। इसके बदले प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है।
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प्रोसेस्ड फूड्स और तले-भुने खाने
रोजमर्रा की डाइट में शामिल प्रोसेस्ड फूड्स, जैसे पैकेज्ड स्नैक्स, बिस्किट, नमकीन या अत्यधिक तले-भुने खाद्य पदार्थ, शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाते हैं। यह स्थिति सफेद दाग के लिए जिम्मेदार इम्यून असंतुलन को बढ़ावा देती है। इसलिए ऐसे भोज्य पदार्थों से दूरी बनाकर स्किन की हालत में सुधार लाया जा सकता है।
कैफीन और शराब

शराब और कैफीन युक्त पेय पदार्थ त्वचा में मौजूद सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। विटिलिगो जैसी समस्या में जब इम्यून सिस्टम पहले से ही संवेदनशील होता है, तब इन ड्रिंक्स का सेवन स्थिति को और बिगाड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सफेद दाग में इन पेय पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद करना चाहिए।
ग्लूटेन युक्त आहार
हाल के शोधों में यह सामने आया है कि विटिलिगो से जूझ रहे कई मरीजों को ग्लूटेन युक्त आहार से परहेज करने पर लाभ मिला है। गेहूं, जौ जैसे अनाजों में मौजूद ग्लूटेन ऑटोइम्यून रिएक्शन को ट्रिगर कर सकता है, जिससे सफेद दाग की गंभीरता बढ़ सकती है। इसलिए विशेषज्ञ ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाने की सलाह देते हैं।
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संतुलित और पोषणयुक्त आहार से करें स्किन को सपोर्ट
सफेद दाग के इलाज में संतुलित आहार बहुत जरूरी है। हरी सब्जियां, विटामिन A, D और B12 से भरपूर फल-सब्जियां, जिंक और कॉपर युक्त खाद्य पदार्थ त्वचा की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को संतुलित करने में सहायक होते हैं। एक सटीक डाइट प्लान इस स्किन कंडीशन को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित हो सकता है।