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Ardha Matsyendrasana Ke Fayde: अर्ध मत्स्येन्द्रासन के ये चमत्कारी फायदे! पीठ दर्द और अपच से मिलेगा तुरंत आराम – जानें सही तरीका

इस आसान से योगासन से न केवल आपकी रीढ़ मजबूत होगी, बल्कि पाचन तंत्र, हृदय और फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी! जानिए कैसे अर्ध मत्स्येन्द्रासन आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और तनाव को दूर करने में मदद करता है!

By Divya Pawanr
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Ardha Matsyendrasana Ke Fayde: अर्ध मत्स्येन्द्रासन के ये चमत्कारी फायदे! पीठ दर्द और अपच से मिलेगा तुरंत आराम – जानें सही तरीका

योग का अभ्यास करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी अद्भुत लाभ मिलते हैं। अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana), जिसे ‘सीटेड ट्विस्ट पोज’ भी कहा जाता है, एक प्रभावी योगासन है जो रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखने, पाचन तंत्र को मजबूत करने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है। यह योगासन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं या अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं।

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अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने के फायदे

1. पॉश्चर सुधारने में मददगार

पॉश्चर सुधारने में मददगार

अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी की कठोरता कम होती है और लचीलापन बढ़ता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर के पॉश्चर में सुधार होता है, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द की समस्या से बचा जा सकता है।

2. पाचन तंत्र को करता है मजबूत

यह योगासन पाचन अंगों को उत्तेजित करता है और गैस, एसिडिटी तथा अपच जैसी समस्याओं को दूर करता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन से गट हेल्थ में सुधार होता है, जिससे शरीर विषाक्त पदार्थों को आसानी से बाहर निकाल सकता है।

3. शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है

हड्डिया रखें मजबूत

इस आसन के अभ्यास से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता में सुधार होता है। यह शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा भी साफ और चमकदार बनी रहती है।

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4. पीठ दर्द से राहत

अगर आप पीठ दर्द या कमर दर्द से परेशान हैं, तो अर्ध मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे कमर दर्द में आराम मिलता है।

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5. फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है

यह आसन छाती और पसलियों को फैलाने में मदद करता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है। इसके अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और डायाफ्राम को मजबूत किया जा सकता है।

6. रक्त संचार को बेहतर बनाता है

अर्ध मत्स्येन्द्रासन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अभ्यास से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और थकान महसूस नहीं होती।

7. तनाव और चिंता को करता है कम

नींद की कमी

यह आसन नर्वस सिस्टम को शांत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसके नियमित अभ्यास से स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम किया जा सकता है, जिससे मानसिक शांति बनी रहती है।

8. जोड़ों के दर्द से राहत

गठिया (Arthritis) और जोड़ों में दर्द से पीड़ित लोगों के लिए अर्ध मत्स्येन्द्रासन बेहद फायदेमंद है। यह जोड़ों की जकड़न को दूर कर उनमें लचीलापन बढ़ाता है।

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अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने का सही तरीका

  • योगा मैट पर बैठें और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
  • अपने बाएं पैर को मोड़कर दाहिने पैर के नीचे रखें।
  • दाहिने पैर को बाएं घुटने के ऊपर रखें और अपने बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर टिकाएं।
  • दाहिने हाथ को पीछे की ओर रखते हुए शरीर को दाहिनी ओर मोड़ें।
  • इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें और गहरी सांसें लें।
  • धीरे-धीरे वापस आएं और दूसरी ओर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
  • इसे 3 से 5 बार दोहराएं।

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