
बर्थ कंट्रोल के उपायों में पिल्स (oral contraceptives) और शॉट्स (injectable contraceptives) दो सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं। इन दोनों का उद्देश्य एक ही है, यानी गर्भधारण को रोकना, लेकिन इनकी कार्यप्रणाली और सुरक्षा के लिहाज से कुछ अंतर हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इन दोनों विकल्पों में से कौन सा आपके लिए ज्यादा सुरक्षित हो सकता है।
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ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग और प्रभावशीलता
ओरल पिल्स, जिन्हें हम आमतौर पर गर्भनिरोधक गोलियां कहते हैं, में हार्मोन होते हैं जो ओवुलेशन (ovulation) को रोकते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना घट जाती है। सही तरीके से और नियमित रूप से इनका सेवन करने पर ये लगभग 99% प्रभावी हो सकती हैं। हालांकि, इनकी प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करती है कि इन्हें कितनी नियमितता से लिया जाता है। अगर कोई गोलियां छूट जाती हैं या सही समय पर नहीं ली जातीं, तो गर्भधारण का खतरा बढ़ सकता है।
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इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का उपयोग और प्रभावशीलता
इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक शॉट्स में प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है, जो गर्भधारण को रोकता है। ये शॉट्स आमतौर पर हर तीन महीने में एक बार लगाए जाते हैं और अगर समय पर लगाए जाएं, तो यह भी 99% तक प्रभावी होते हैं। शॉट्स का फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की मानव त्रुटि का खतरा कम होता है, क्योंकि एक बार शॉट लेने के बाद अगले तीन महीनों तक गर्भधारण से बचाव होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को शॉट्स से कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे कि वजन बढ़ना या सिरदर्द हो सकता है।
सुरक्षा और प्रभावशीलता पर एक्सपर्ट की राय
ज्यादातर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दोनों विकल्प ही सुरक्षित हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता और उपयुक्तता का चुनाव आपकी व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आपकी जीवनशैली में नियमितता बनाना मुश्किल हो, तो इंजेक्टेबल शॉट्स आपके लिए बेहतर हो सकते हैं। वहीं, अगर आप पिल्स का नियमित सेवन कर सकती हैं, तो यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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