
School on Sunday के सवाल ने हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चर्चा को जन्म दिया है। शिक्षा विभाग ने इस साल की भीषण गर्मी को देखते हुए गर्मियों की छुट्टियों को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दिया है, जिससे कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल अब 28 जून तक बंद रहेंगे। लेकिन इस फैसले के साथ ही एक नया आदेश भी सामने आया है, जिसमें छुट्टियों की पूर्ति के लिए रविवार को स्कूल खोलने की बात कही गई है।
यह निर्णय शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन के माध्यम से स्पष्ट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि गर्मी के कारण पढ़ाई का जो समय नष्ट हुआ है, उसकी भरपाई सप्ताहांत में की जाएगी। यानी अब छात्रों को रविवार को भी क्लास में बैठना होगा। यह आदेश माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों दोनों पर लागू किया गया है।
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अभिभावकों और छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस आदेश के सामने आने के बाद अभिभावकों में चिंता की लहर है। उनका कहना है कि सप्ताह में केवल एक दिन का अवकाश बच्चों को आराम और मानसिक ताजगी के लिए बहुत जरूरी होता है। लगातार सात दिन स्कूल जाने से बच्चे थकान का अनुभव कर सकते हैं, जिसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य और पढ़ाई पर पड़ सकता है।
दूसरी ओर, कुछ अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के इस फैसले का समर्थन भी किया है। उनका मानना है कि यदि बच्चों की पढ़ाई छुट्टियों की वजह से बाधित हुई है तो उसे किसी न किसी तरीके से पूरा करना आवश्यक है। वैसे भी परीक्षा का समय आते ही पूरा पाठ्यक्रम समाप्त करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है।
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शिक्षकों की ओर से मिली चुनौती और सुझाव
शिक्षकों ने भी इस फैसले पर अपनी चिंता जताई है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि सप्ताह में सात दिन काम करने से उनके कार्य संतुलन और मानसिक सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, स्कूलों में रविवार को उपस्थिति कम रह सकती है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े होंगे। कई शिक्षकों ने सुझाव दिया है कि सरकार को वैकल्पिक योजना बनानी चाहिए, जैसे एक्स्ट्रा क्लासेज या ऑनलाइन शिक्षण, जिससे रविवार को स्कूल खोलने की जरूरत न पड़े।
शिक्षा विभाग की सफाई और लक्ष्य
शिक्षा विभाग का मानना है कि यह निर्णय छात्रों के शैक्षणिक हित में है और अस्थायी है। विभाग के अनुसार, जैसे ही मौसम में सुधार होता है या वैकल्पिक समाधान मिलता है, रविवार को स्कूल खोलने की बाध्यता को वापस लिया जा सकता है। विभाग का मुख्य उद्देश्य है कि छात्र परीक्षा की तैयारी में पीछे न रहें और समय पर पूरा सिलेबस पूरा किया जा सके।
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