
महिलाओं में लेट ऑर्गेज्म (Late Orgasm in Females) यानी संभोग सुख की प्राप्ति में देरी, एक आम समस्या है जिसे कई बार महिलाएं नजरंदाज कर देती हैं या इस पर खुलकर बात नहीं कर पातीं। सेक्सुअल हेल्थ से जुड़े इस विषय को लेकर महिलाएं अब भी उतनी जागरूक नहीं हैं जितनी उन्हें होनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, लेट ऑर्गेज्म या ऑर्गेज्म न हो पाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें फिजिकल, साइकोलॉजिकल और मेडिकल फैक्टर्स शामिल हैं। ऑब्सटेट्रिशियन और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. तीर्था शेट्टी ने बताया कि इस समस्या की जड़ में कई बार महिलाओं का खुद के शरीर को लेकर कम जागरूक होना भी शामिल होता है।
वेजाइनल ड्राइनेस बन सकती है ऑर्गेज्म में देरी की वजह

लेट ऑर्गेज्म की सबसे आम वजहों में से एक है वेजाइनल ड्राइनेस (Vaginal Dryness)। जब योनि में नैचुरल ल्यूब्रिकेशन नहीं होता है, तो संभोग के दौरान तेज घर्षण (Friction) की वजह से दर्द और जलन होती है। इस स्थिति में महिलाएं न केवल सेक्स का आनंद नहीं ले पातीं, बल्कि ऑर्गेज्म तक पहुंचना भी बेहद मुश्किल हो जाता है। यह समस्या अक्सर एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण होती है, खासकर मेनोपॉज के आसपास की उम्र में। इसके लिए महिलाओं को वॉटर-बेस्ड ल्यूब्रिकेंट्स का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, लंबे समय तक सूखापन बना रहे तो किसी गाइनेकोलॉजिस्ट से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
वेजिनिज्म के चलते हो सकता है असहनीय दर्द
वेजिनिज्म (Vaginismus) एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें योनि की मांसपेशियां अनैच्छिक रूप से सिकुड़ जाती हैं, जिससे सेक्स, टैम्पोन लगाना या पेल्विक एग्जामिनेशन बेहद दर्दनाक हो जाता है। इस स्थिति में महिला के लिए किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि को सहन कर पाना कठिन हो जाता है और ऑर्गेज्म तक पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता है। यह स्थिति मानसिक डर, पुराने ट्रॉमा या अन्य कारणों से जुड़ी हो सकती है और इसका इलाज पूरी तरह संभव है। इस मामले में महिलाओं को बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्लेजर प्वाइंट की जानकारी का अभाव
हर महिला का प्लेजर प्वाइंट (Pleasure Point) अलग हो सकता है। कुछ महिलाओं को क्लाइटोरल स्टिमुलेशन से ऑर्गेज्म मिलता है, तो कुछ को निप्पल्स या इंटरकोर्स के दौरान। लेकिन अधिकतर महिलाओं को अपने प्लेजर प्वाइंट की जानकारी नहीं होती। यह जागरूकता न होना भी ऑर्गेज्म न आने या उसमें देरी की प्रमुख वजह है। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं को अपने शरीर को समझना और एक्सप्लोर करना बेहद जरूरी है। साथ ही, अपने पार्टनर के साथ इस विषय पर खुलकर बात करना यौन सुख को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
स्ट्रेस और डिप्रेशन से बिगड़ती है सेक्सुअल हेल्थ
लेट ऑर्गेज्म का एक और बड़ा कारण है मानसिक तनाव (Stress) और अवसाद (Depression)। जब मस्तिष्क किसी चिंता या उलझन में होता है, तो शरीर भी उस स्थिति को महसूस करता है। चूंकि ऑर्गेज्म एक न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया है, इसलिए ब्रेन का शांत होना जरूरी है। लगातार तनाव में रहने से महिलाओं की यौन इच्छाएं कम हो सकती हैं और वे यौन गतिविधियों में रुचि नहीं ले पातीं। अगर कोई महिला लंबे समय से डिप्रेशन में है, तो उसे मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।
क्रॉनिक हेल्थ कंडीशंस का सेक्सुअल हेल्थ पर असर
कुछ दीर्घकालिक बीमारियां (Chronic Health Conditions) जैसे डायबिटीज, अर्थराइटिस, हार्मोनल असंतुलन, रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर्स या कई बार सर्जरी भी महिलाओं की यौन क्षमता पर प्रभाव डालती हैं। इन स्थितियों में न केवल यौन संबंध के दौरान दर्द महसूस होता है, बल्कि वेजाइनल ड्राइनेस और मसल टेंशन जैसी समस्याएं भी पैदा होती हैं। इन कारणों से महिलाएं सहजता से ऑर्गेज्म तक नहीं पहुंच पातीं। ऐसी स्थिति में महिला को अपने डॉक्टर से सेक्सुअल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि सही निदान और उपचार किया जा सके।