
सर्दियों का मौसम अपने साथ खास मौसमी सब्जियों की भरपूर आमद लेकर आता है। इस मौसम में शलगम, गाजर, मूली और चुकंदर जैसी जड़ वाली सब्जियाँ (Root Vegetables) न केवल स्वाद में भरपूर होती हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभकारी मानी जाती हैं। खास बात यह है कि सर्दियों में बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में ये रूट वेजिटेबल्स अहम भूमिका निभा सकती हैं।
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जैसे ही ठंड का असर बढ़ता है, शरीर ऊर्जा संचय की प्रवृत्ति अपनाता है जिससे वजन बढ़ने की संभावना रहती है। लेकिन रूट वेजिटेबल्स जैसे शकरकंदी, चुकंदर, मूली, शलगम और गाजर शरीर में फालतू कैलोरी स्टोरेज को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं। साइंस डायरेक्ट (Science Direct) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये सब्जियाँ फाइबर और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होती हैं, जो ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ पाचन को भी दुरुस्त रखती हैं।
गाजर और चुकंदर से मिलता है भरपूर फाइबर
रिसर्च के मुताबिक 100 ग्राम गाजर से शरीर को करीब 3 ग्राम फाइबर और 100 ग्राम चुकंदर से करीब 5 ग्राम फाइबर की प्राप्ति होती है। साथ ही इनमें बेटालेन और कैरोटीनॉयड जैसे फाइटोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
डायटीशियन डॉ. अदिति शर्मा बताती हैं कि रूट वेजिटेबल्स में सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और कॉम्प्लेक्स कार्ब्स भरपूर मात्रा में होते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और वजन घटाने (Weight Loss) में सहायता मिलती है।
पाचन और मेटाबॉलिज्म को मजबूत करें
इन सब्जियों को नियमित आहार में शामिल करने से गट हेल्थ बेहतर होती है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट किया जा सकता है। जब मेटाबॉलिज्म तेज़ होता है तो शरीर कैलोरीज़ को जल्दी बर्न करता है और फैट स्टोर करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है। इससे ब्लोटिंग, कब्ज, गैस और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।
कम कैलोरी और अधिक पोषण
रूट वेजिटेबल्स लो कैलोरी फूड्स होते हैं लेकिन पोषण से भरपूर होते हैं। मूली, गाजर, प्याज और चुकंदर जैसे विकल्पों में बीटा कैरोटीन, एंथोसायनिन और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं। ये तत्व शरीर में फैट के जमाव को रोकने में मदद करते हैं।
गट हेल्थ में सुधार
इन सब्जियों में मौजूद प्राकृतिक प्रोबायोटिक तत्व जैसे शकरकंदी में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और चुकंदर, आलू, शलगम, लहसुन में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया आंत की सेहत को बेहतर बनाते हैं। इससे शरीर का माइक्रोबायोम संतुलित रहता है और वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से लाभ
बीटरूट, अदरक, शकरकंदी और प्याज जैसे रूट वेजिटेबल्स में सूजनरोधी (Anti-Inflammatory) गुण होते हैं। बीटरूट में पाया जाने वाला बेटालेन कंपाउंड शरीर में सूजन को कम करता है, जिससे वजन बढ़ने के खतरे को कम किया जा सकता है। यह सर्दियों में जोड़ों के दर्द और ऐंठन से राहत देने में भी कारगर है।
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आहार में इन रूट वेजिटेबल्स को करें शामिल
शकरकंदी (Sweet Potato): नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार इसमें फाइबर, विटामिन सी, मैंगनीज और विटामिन ए भरपूर होते हैं। साथ ही इसमें बीटा कैरोटीन, क्लोरोजेनिक एसिड और एंथोसायनिन जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं।
चुकंदर (Beetroot): चुकंदर में नाइट्रेट की अधिकता होती है जो ब्लड फ्लो को बेहतर करता है। यह फाइबर, फोलेट और मैगनीज़ का भी अच्छा स्रोत है, जिससे मेटाबॉलिज्म तेज़ होता है।
शलगम (Turnip): लो कैलोरी रूट वेजिटेबल शलगम विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम और मैगनीज़ से भरपूर होता है। इसे सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और इम्यूनिटी बढ़ती है।
मूली (Radish): मूली में एंटी फंगल गुण होते हैं जो आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसका सेवन अल्सर से बचाव में भी फायदेमंद है।
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गाजर (Carrot): गाजर फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह एक लो कैलोरी और हाई न्यूट्रिशन विकल्प है।