
Skin Care Myths यानी त्वचा की देखभाल से जुड़े मिथक हमारे स्किन रुटीन को जितना लाभ नहीं देते, उससे कहीं ज़्यादा नुकसान कर सकते हैं। हम अक्सर सुनी-सुनाई बातों के आधार पर ऐसे उत्पाद या आदतें अपनाते हैं, जो हमारी त्वचा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको उन सात सबसे सामान्य स्किन केयर मिथकों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिन्हें लोग सच मानते आ रहे हैं, जबकि असलियत कुछ और ही होती है।
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ऑइली स्किन को भी चाहिए मॉइस्चराइज़र
बहुत से लोग मानते हैं कि यदि उनकी त्वचा ऑइली यानी तैलीय है तो उन्हें मॉइस्चराइज़र की ज़रूरत नहीं होती। सच्चाई यह है कि चाहे स्किन ऑइली हो या ड्राय, उसे हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। यदि आप मॉइस्चराइज़र का उपयोग नहीं करते, तो त्वचा खुद को संतुलित करने के लिए और अधिक तेल उत्पन्न करती है, जिससे पोर्स बंद हो सकते हैं और एक्ने जैसी समस्याएं जन्म ले सकती हैं।
Natural Remedies भी हो सकते हैं हानिकारक
यह मानना कि सभी प्राकृतिक (Natural) चीजें त्वचा के लिए फायदेमंद होती हैं, एक बड़ा भ्रम है। नींबू का रस या बेकिंग सोडा जैसे तत्व स्किन पर सीधा लगाना नुकसानदेह हो सकता है। ये चीजें आपकी त्वचा की pH बैलेंस बिगाड़ सकती हैं, जिससे जलन, लालपन और लंबे समय तक दाग-धब्बे हो सकते हैं।
सनस्क्रीन केवल गर्मियों में नहीं, हर मौसम में जरूरी है
कई लोग सोचते हैं कि सनस्क्रीन केवल तब जरूरी होता है जब धूप निकली हो या गर्मी का मौसम हो। जबकि UV किरणें बादल और खिड़कियों से भी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हर दिन, SPF 30 या उससे अधिक वाले सनस्क्रीन का उपयोग करना अनिवार्य है, चाहे आप घर पर हों या बाहर।
त्वचा की जलन मतलब असरदार प्रोडक्ट नहीं होता
किसी स्किन केयर प्रोडक्ट से जलन या चुभन महसूस होना यह संकेत नहीं देता कि वह असरदार है। यह आपकी त्वचा की संवेदनशीलता या एलर्जी की ओर इशारा करता है। यदि आपकी त्वचा किसी भी प्रोडक्ट पर नकारात्मक प्रतिक्रिया देती है, तो उसका तुरंत इस्तेमाल बंद करना ही बेहतर होता है।
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पोर्स का आकार नहीं बदला जा सकता
यह मानना कि पोर्स को स्थायी रूप से छोटा किया जा सकता है, एक भ्रम है। पोर्स का आकार जेनेटिकली तय होता है। हालांकि, क्लीनिंग, एक्सफोलिएशन और सही स्किन केयर से पोर्स को कम目दिखाने में मदद मिलती है, लेकिन वे स्थायी रूप से गायब नहीं हो सकते।
महंगे स्किन केयर उत्पाद हमेशा बेहतर नहीं होते
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर कोई स्किन प्रोडक्ट महंगा है, तो वह अधिक प्रभावी भी होगा। लेकिन यह जरूरी नहीं। किसी उत्पाद की गुणवत्ता उसकी कीमत से नहीं बल्कि उसकी सामग्री, फॉर्मूलेशन और आपकी स्किन टाइप से मेल खाने पर निर्भर करती है।
त्वचा की देखभाल से स्किन “आदी” नहीं होती
यह धारणा कि स्किन केयर प्रोडक्ट्स से त्वचा “आदी” हो जाती है और समय के साथ वे काम करना बंद कर देते हैं, पूरी तरह से गलत है। अगर कोई प्रोडक्ट असर नहीं कर रहा तो यह संभव है कि आपकी स्किन की ज़रूरतें बदल गई हों, ना कि प्रोडक्ट फेल हो गया हो।
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