
आयुर्वेद-Ayurveda एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जो न केवल रोगों के उपचार में बल्कि जीवनशैली सुधारने में भी सहायक मानी जाती है। जब बात आती है गहरी नींद यानी “डीप स्लीप-Deep Sleep” की, तो आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों का वर्णन है जो दवा से भी अधिक प्रभावशाली परिणाम देती हैं। आधुनिक भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की समस्या तेजी से बढ़ी है और लोग बिना दवाओं के प्राकृतिक उपाय खोज रहे हैं। इस संदर्भ में आयुर्वेद के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।
यह भी देखें: स्वाद में लाजवाब पर सेहत के लिए खतरा! इन 7 लोगों को भूलकर भी नहीं पीना चाहिए मैंगो शेक
अश्वगंधा-Ashwagandha

अश्वगंधा, जिसे भारतीय जिनसेंग के नाम से भी जाना जाता है, नींद के लिए एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है। यह शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को संतुलित कर तनाव को कम करती है, जिससे स्वाभाविक रूप से नींद में सुधार होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर सेवन करने से न केवल नींद गहरी होती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। अश्वगंधा शरीर को ऊर्जा देता है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, जिसे वैज्ञानिक शोधों ने भी प्रमाणित किया है।
ब्राह्मी-Brahmi

यह भी देखें: डार्क स्पॉट, सन बर्न और झाइयों को कहें अलविदा! बस अपनाएं ये 5 चमत्कारी घरेलू नुस्खे
ब्राह्मी आयुर्वेद में एक अत्यंत मूल्यवान जड़ी-बूटी मानी जाती है, जो मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने और तनाव को घटाने के लिए जानी जाती है। अनिद्रा, चिंता और मानसिक बेचैनी को दूर करने में ब्राह्मी अत्यंत प्रभावी है। रात को ब्राह्मी की चाय पीने या उसके पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन करने से मन शांत होता है और नींद की प्रक्रिया स्वाभाविक बनती है। कई शोधों में भी यह सिद्ध हो चुका है कि ब्राह्मी के नियमित सेवन से नींद की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है।
तुलसी-Tulsi

तुलसी, जिसे पवित्र तुलसी भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली एडेप्टोजेन है जो तनाव कम करने में अत्यंत सहायक है। तुलसी का नियमित सेवन मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है और गहरी नींद को सहज बनाता है। रात में तुलसी की चाय पीने से मस्तिष्क शांत होता है और नींद जल्दी आती है। आयुर्वेद में तुलसी को ‘तनाव नाशक जड़ी-बूटी’ के रूप में वर्णित किया गया है, जो नींद की समग्र गुणवत्ता में सुधार करती है।
अतिरिक्त लाभकारी जड़ी-बूटियां
शंखपुष्पी (Shankhpushpi) और जटामांसी (Jatamansi) भी नींद के लिए उत्कृष्ट आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां मानी जाती हैं। शंखपुष्पी मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाकर नींद में मदद करती है, जबकि जटामांसी चिंता को दूर कर गहरी नींद प्रदान करती है। इन दोनों जड़ी-बूटियों का भी पारंपरिक रूप से उपयोग अनिद्रा के इलाज के लिए किया जाता रहा है।
यह भी देखें: Blood Purification: नीम के पत्तों का सेवन कैसे करेगा शरीर को शुद्ध? जानें फायदे