
आज की अनियमित जीवनशैली सेहत पर गहरा असर डाल रही है, जिसमें प्रजनन क्षमता (Fertility) भी प्रभावित हो रही है। पहले की तुलना में अब लोगों की दिनचर्या अधिक व्यस्त और अनियमित हो चुकी है, जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों में फर्टिलिटी की समस्याएं बढ़ रही हैं। आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हाल ही में आयुर्वेदाचार्य डॉ. दीक्षा भावसर सालविया ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में एक आयुर्वेदिक उपाय साझा किया, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों की फर्टिलिटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
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फर्टिलिटी बढ़ाने का आयुर्वेदिक उपाय – फल धृत (Phal Ghrit)
आयुर्वेद में ‘फल धृत’ को एक विशेष औषधि माना गया है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार कर प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
महिलाओं के लिए फल धृत के लाभ
फल धृत महिलाओं में ओवुलेशन की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। यह गर्भाशय को मजबूत बनाकर गर्भपात के जोखिम को कम करता है। साथ ही, यह गर्भधारण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने और मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी सहायता करता है। महिलाओं के लिए इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
यह ओवुलेशन क्वालिटी को सुधारता है। गर्भाशय की क्षमता बढ़ाता है। अत्यधिक रक्तस्राव और मासिक धर्म की अनियमितताओं को नियंत्रित करता है। योनि स्राव और मासिक धर्म में ऐंठन को कम करता है। गर्भस्थ शिशु की बुद्धि और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है। यह महिलाओं के लिए एक प्रभावी फर्टिलिटी टॉनिक की तरह कार्य करता है।
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पुरुषों के लिए फल धृत के लाभ
पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या आम होती जा रही है, और इसका मुख्य कारण तनाव, अनुचित खान-पान और खराब जीवनशैली है। फल धृत पुरुषों की प्रजनन क्षमता को सुधारने में मदद करता है और वीर्य की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। पुरुषों के लिए इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
कामेच्छा में सुधार करता है। शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या को बढ़ाता है। वीर्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। शुक्राणु की गतिशीलता को बढ़ाता है।
फल धृत कैसे बनाया जाता है?
फल धृत एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे कई प्राकृतिक तत्वों से तैयार किया जाता है। इसे निम्नलिखित औषधीय जड़ी-बूटियों और पदार्थों से बनाया जाता है:
हरीतकी (हरड़), गो-दूध, गो-घृत (घी), अश्वगंधा, मुस्ता, त्रिफला, हींग, कुटकी, हरिद्रा, शतावरी, कुस्त, गौदुग्ध, बाला, नील कमल, मुनक्का, रक्त चंदन, श्वेत चंदन, खिर विदारी, खिर काकोली, मेदा, दारू हरिद्र आदि।
यह औषधि वात, पित्त और कफ को संतुलित कर शरीर में समग्र सुधार लाने में मदद करती है।
सेवन की विधि
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, रात में सोते समय आधा चम्मच फल धृत को गर्म दूध या पानी के साथ लेने से यह अधिक प्रभावी होता है। हालांकि, इस औषधि का सेवन करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
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