
सर्दी-जुकाम और खांसी के मौसम में जब मौसम करवट लेता है, तब घरेलू उपायों की अहमियत और भी बढ़ जाती है। Cold and Cough Remedies में तुलसी और शहद का उपयोग प्राचीन समय से चला आ रहा है, जिसे आयुर्वेद में बेहद प्रभावी माना गया है। तुलसी, जिसे “जड़ी-बूटियों की रानी” कहा जाता है, अपने एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों के कारण जुकाम व खांसी में रामबाण का काम करती है। वहीं शहद, गले को शांत करने वाला, सूजन को कम करने वाला और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर प्राकृतिक तत्व है, जो तुरंत राहत प्रदान करता है।
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बदलते मौसम में बढ़ता संक्रमण का खतरा
बदलते मौसम में वायरल इंफेक्शन के कारण सर्दी-खांसी होना आम बात है। ऐसे समय में दवाइयों की जगह अगर हम प्राकृतिक उपायों की ओर रुख करें, तो शरीर पर किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता और राहत भी गहराई से मिलती है। आयुर्वेदिक शास्त्रों में तुलसी और शहद को मिलाकर सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है, जिससे न केवल सर्दी-खांसी में राहत मिलती है, बल्कि आगे भी शरीर इनसे लड़ने के लिए तैयार रहता है।
घरेलू नुस्खा जो तुरंत असर दिखाए
इस घरेलू नुस्खे को तैयार करने की प्रक्रिया बेहद सरल है। सबसे पहले तुलसी के ताजे पत्तों को धो लें। लगभग 6-7 पत्तों को अदरक के रस के साथ मिलाकर पीस लें। इसमें तीन चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिला लें। यह मिश्रण गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और हल्के बुखार में तुरंत आराम देने का काम करता है। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले इसका सेवन करने से प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
सहायक सामग्रियों का समुचित संयोजन
सिर्फ तुलसी और शहद ही नहीं, बल्कि अदरक और काली मिर्च जैसे तत्व इस मिश्रण को और प्रभावशाली बनाते हैं। ये सभी सामग्रियाँ मिलकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती हैं। बदलते मौसम में वायरल संक्रमण से बचने के लिए यह एक बेहतरीन preventive remedy के तौर पर भी कार्य करता है।
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तुलसी का काढ़ा और चाय
तुलसी से बना काढ़ा भी सर्दी-खांसी में विशेष रूप से उपयोगी है। एक कप पानी में तुलसी के पत्ते, थोड़ी सी अदरक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह उबालें। जब यह मिश्रण आधा रह जाए तो उसे छानकर गुनगुना पीना चाहिए। इसके नियमित सेवन से सर्दी-खांसी के लक्षण तेजी से कम होते हैं। वहीं शहद और नींबू के साथ मिलाकर तुलसी की चाय बनाना भी एक कारगर विकल्प है जो न केवल राहत देता है, बल्कि शरीर को अंदर से साफ और ऊर्जावान बनाता है।
प्राकृतिक उपायों की बढ़ती प्रासंगिकता
सर्दी और खांसी में जब एलोपैथिक दवाएं असर न करें या साइड इफेक्ट्स का डर हो, तब ये आयुर्वेदिक घरेलू उपाय वरदान साबित होते हैं। खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए तुलसी और शहद जैसे प्राकृतिक उपायों का कोई मुकाबला नहीं है। इन्हें अपनाने से न केवल वर्तमान संक्रमण से राहत मिलती है, बल्कि भविष्य में होने वाले मौसम संबंधी रोगों से भी शरीर लड़ने के लिए तैयार रहता है।
FAQs
तुलसी और शहद का मिश्रण कितनी बार लेना चाहिए?
इसे दिन में दो से तीन बार लिया जा सकता है, विशेष रूप से सुबह और रात को सोने से पहले।
क्या यह उपाय बच्चों के लिए सुरक्षित है?
हां, एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए शहद और तुलसी का यह मिश्रण सुरक्षित है, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना उचित रहेगा।
इस उपाय से कितने समय में राहत मिलती है?
अधिकतर लोगों को 1-2 दिनों के भीतर गले की खराश और खांसी में आराम मिलने लगता है।
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