सेहत खजाना

सिर्फ 3 दिन में छुटकारा पाएं खूनी बवासीर और भगंदर से! आजमाया हुआ आयुर्वेदिक नुस्खा, बाबा रामदेव ने दी गारंटी

गाय का दूध, नींबू, केला और नागदोन से बना यह देसी इलाज करता है कमाल – बिना सर्जरी, बिना दर्द! आयुर्वेदिक जादू से कैसे पाएं Piles और Fistula से राहत, पढ़ें पूरा लेख और आजमाएं गारंटीड नुस्खा!

By Divya Pawanr
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खूनी बवासीर और भगंदर जैसी गंभीर समस्याएं लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन आयुर्वेद (Ayurveda) में इनके लिए ऐसे पारंपरिक और प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं जो वर्षों से अपनाए जाते रहे हैं। बाबा रामदेव द्वारा बताए गए कुछ घरेलू नुस्खे इन रोगों से राहत दिलाने में सहायक माने जाते हैं। यदि इन उपायों को सही तरीके से अपनाया जाए तो केवल तीन दिनों में राहत मिल सकती है।

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गाय का दूध और नींबू

Milk and lemon

बाबा रामदेव के अनुसार, खूनी बवासीर (Bleeding Piles) से छुटकारा पाने के लिए एक विशेष नुस्खा बेहद प्रभावशाली है – ठंडे गाय के दूध में एक नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट सेवन करना। यह क्रिया तीन दिनों तक लगातार करनी होती है। ध्यान रहे, यहां पर केवल गाय का दूध ही इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि भैंस का दूध वातवर्धक माना जाता है जो समस्या को बढ़ा सकता है।

केले और भीमसेनी कपूर का अनोखा प्रयोग

एक दूसरा उपाय जो बाबा रामदेव ने सुझाया है, उसमें एक पके हुए केले के टुकड़े में चने के आकार का भीमसेनी कपूर भरकर उसे निगलना होता है। यह उपाय भी तीन दिनों तक किया जाना चाहिए। यह घरेलू उपाय पेट की गर्मी को शांत करता है और आंतरिक घावों को भरने में मदद करता है।

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नागदोन के पत्ते

Nagdon plants

नागदोन (Artemisia Absinthium) नामक पौधे के पत्ते भी बवासीर, भगंदर और फिशर जैसी समस्याओं में लाभकारी माने जाते हैं। बाबा रामदेव की सलाह है कि इसके तीन ताजे पत्तों को सुबह खाली पेट चबाया जाए। इसके कड़वे स्वाद के बावजूद यह उपाय बेहद असरदार साबित हो सकता है।

पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाएं

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित दिव्य अर्शकल्प वटी, त्रिफला गुग्गुल, और नीम तेल जैसी औषधियां बवासीर और भगंदर के इलाज में कारगर मानी जाती हैं। ये दवाएं शरीर की सूजन को कम करती हैं, पाचन को सुधारती हैं और घावों को भरने में सहायता करती हैं। नियमित सेवन और उचित आहार के साथ इन दवाओं का प्रभावी परिणाम देखा गया है।

आहार और जीवनशैली में बदलाव

सही पोषण और हेल्दी डाइट का महत्व

इन समस्याओं से पूरी तरह निजात पाने के लिए केवल औषधि ही नहीं, बल्कि संतुलित आहार और अनुशासित जीवनशैली भी बेहद जरूरी है। फाइबर युक्त आहार जैसे हरी सब्जियां, ताजे फल, और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी होता है। साथ ही, योग और प्राणायाम जैसे शारीरिक क्रियाएं भी रक्त संचार को दुरुस्त कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं।

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