
Periods यानी मासिक धर्म महिलाओं के स्वास्थ्य का एक अहम हिस्सा है। आमतौर पर मासिक धर्म 3 से 7 दिनों तक चलता है, लेकिन कई बार महिलाओं को यह सिर्फ 1-2 दिन के लिए ही होता है। यह बदलाव अचानक हो सकता है और कई बार नियमित रूप से भी देखा जा सकता है। ऐसे छोटे पीरियड साइकिल के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन, जीवनशैली या किसी मेडिकल स्थिति से जुड़े होते हैं। जानिए इसके पीछे की वजहें और कब इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं छोटे पीरियड्स
यदि आपके पीरियड्स अचानक केवल 1-2 दिन के लिए रह जाते हैं, तो यह संभावना हो सकती है कि आप गर्भवती हैं। गर्भावस्था के शुरू में इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग होती है जो सामान्य पीरियड्स की तुलना में कम और हल्की होती है। यह ब्लीडिंग अक्सर महिला को भ्रम में डाल देती है कि यह मासिक धर्म है, जबकि असल में यह गर्भधारण का पहला संकेत हो सकता है।
तनाव और स्ट्रेस भी घटता हैं पीरियड की अवधि
Mental stress यानी मानसिक तनाव सीधे तौर पर हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है। जब आप अधिक तनाव में होते हैं, तो शरीर में Cortisol हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो Ovulation को प्रभावित कर सकता है। इसका असर पीरियड्स की नियमितता और अवधि दोनों पर पड़ता है। कई महिलाओं को तनाव के दौरान पीरियड्स बहुत हल्के या केवल 1-2 दिन के लिए होते हैं।
वजन में तेजी से बदलाव का हार्मोनल असर
शरीर का वजन हार्मोनल बैलेंस में अहम भूमिका निभाता है। अचानक वजन बढ़ना या बहुत तेजी से वजन कम होना, दोनों स्थितियों में Estrogen और Progesterone जैसे हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसका सीधा असर पीरियड साइकिल पर पड़ता है और कभी-कभी पीरियड्स बहुत कम समय के लिए आते हैं या रुक भी सकते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों और हार्मोनल उपायों का प्रभाव
अगर आप Birth Control Pills या अन्य हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का उपयोग कर रही हैं, तो यह आपके पीरियड्स की मात्रा और अवधि को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। इन उपायों के कारण एंडोमेट्रियम की मोटाई कम होती है, जिससे ब्लीडिंग हल्की और कम समय के लिए होती है। यह स्थिति अक्सर शुरू के महीनों में अधिक देखी जाती है।
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स्तनपान के दौरान पीरियड्स में अनियमितता
Breastfeeding कराने वाली महिलाओं के शरीर में Prolactin हार्मोन की मात्रा अधिक होती है, जो Ovulation को रोकता है। इससे पीरियड्स या तो नहीं होते या बहुत कम समय के लिए होते हैं। यह स्थिति पूरी तरह सामान्य मानी जाती है और स्तनपान रुकने के बाद सामान्य चक्र फिर से शुरू हो जाता है।
थायरॉयड के असंतुलन से भी बदलता है चक्र
Thyroid gland शरीर के मेटाबॉलिज्म के साथ-साथ रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी कंट्रोल करती है। यदि यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर रही, तो हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म जैसी स्थिति बनती है जो पीरियड की अवधि को कम या ज्यादा कर सकती है। पीरियड्स अगर अचानक 1-2 दिन के रह गए हैं, तो थायरॉयड की जांच कराना जरूरी हो सकता है।
PCOS के कारण ओव्यूलेशन में बाधा
Polycystic Ovary Syndrome यानी PCOS एक कॉमन हार्मोनल डिसऑर्डर है जो महिलाओं में ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। जब अंडाणु समय पर नहीं बनता या निकलता, तो पीरियड्स में अनियमितता होती है। कई बार ब्लीडिंग बहुत हल्की या बेहद कम समय के लिए होती है। इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है।
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