
दांत दर्द यानी Toothache एक आम लेकिन बेहद असहज करने वाली समस्या है। ऐसे में जब अचानक दर्द उठता है, तो फौरन राहत चाहिए होती है। किचन में मौजूद दालचीनी-Cinnamon इस दर्द का एक प्रभावशाली घरेलू इलाज साबित हो सकती है। इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण न केवल दर्द को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि दांतों के आसपास होने वाली सूजन और संक्रमण को भी नियंत्रित करते हैं।
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दालचीनी के तेल से तुरंत राहत
अगर दांतों में तेज दर्द हो रहा है और डॉक्टर तक पहुंचने में देर है, तो दालचीनी का तेल एक त्वरित समाधान हो सकता है। एक रुई का टुकड़ा लें और उसमें दालचीनी का शुद्ध तेल डालकर दर्द वाले दांत या मसूड़े पर लगाएं। इसका प्रभाव कुछ ही मिनटों में महसूस होता है, और दर्द के साथ सूजन भी धीरे-धीरे कम होने लगती है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिन्हें बार-बार दांत दर्द की शिकायत रहती है।
शहद और दालचीनी का मिश्रण
शहद के साथ दालचीनी मिलाकर बनाए गए पेस्ट को दांत के दर्द वाले स्थान पर लगाने से संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह मिश्रण एक नैचुरल एंटीसेप्टिक की तरह काम करता है जो मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है। नियमित इस्तेमाल से यह पेस्ट दांतों की मजबूती और मसूड़ों की सेहत को भी बेहतर बनाता है।
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दालचीनी के अन्य स्वास्थ्य लाभ
दालचीनी सिर्फ दांत दर्द में ही नहीं, बल्कि कई अन्य बीमारियों में भी असरदार मानी जाती है। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिल सकता है। इसके अलावा यह सर्दी-खांसी, पाचन की समस्याएं और मोटापा जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है। दालचीनी में पाए जाने वाले ऐंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
सेवन में सावधानी जरूरी
हालांकि दालचीनी के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसके अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं। इसमें कूमेरिन नामक यौगिक पाया जाता है जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है, खासतौर पर जब इसे अधिक मात्रा में और लगातार लंबे समय तक लिया जाए। गर्भवती महिलाओं और लिवर संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों को दालचीनी के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। घरेलू उपाय के तौर पर इसका सीमित और समझदारी से उपयोग ही लाभकारी होता है।
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