सेहत खजाना

कोढ़ की बीमारी की शुरुआत ऐसे होती है! जानिए पहले लक्षण और बचाव के सही तरीके

त्वचा पर ये मामूली बदलाव नजरअंदाज न करें! जानिए कोढ़ के पहले लक्षण, इलाज और बचाव के प्रभावी तरीके, ताकि समय रहते आप खुद को और अपनों को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकें।

By Divya Pawanr
Published on
कोढ़ की बीमारी की शुरुआत ऐसे होती है! जानिए पहले लक्षण और बचाव के सही तरीके

कुष्ठ रोग, जिसे आम भाषा में कोढ़ कहा जाता है, एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य संक्रामक बीमारी है। माइकोबैक्टीरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) नामक जीवाणु के संक्रमण से यह रोग होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से त्वचा, तंत्रिकाओं, आँखों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। समय रहते कोढ़ के लक्षणों को पहचानना और सही उपचार शुरू करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि विकलांगता और स्थायी क्षति से बचा जा सके। आज भी कोढ़ के मामले सामने आते हैं, इसलिए इसके प्रति जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

यह भी देखें: Ayurveda for Sleep: बस 5 मिनट में गहरी नींद! एक्सपर्ट ने बताए 3 जड़ी-बूटियां जो दवा से भी ज्यादा असरदार

कोढ़ की बीमारी की शुरुआती पहचान कैसे करें?

कोढ़ की बीमारी की शुरुआत अक्सर त्वचा पर कुछ असामान्य बदलावों के रूप में होती है। शुरुआत में त्वचा पर हल्के या गहरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जिनमें संवेदनशीलता घट जाती है। यह संवेदनहीनता स्पर्श, गर्मी या दर्द को महसूस न कर पाने के रूप में प्रकट होती है। समय के साथ, मांसपेशियों में कमजोरी, तंत्रिकाओं का मोटा होना और नाक या आँखों से संबंधित समस्याएं उभर सकती हैं। कोढ़ का संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता है और इसके लक्षण सामने आने में 5 से 7 साल तक का समय भी लग सकता है।

अगर शुरुआत में ही इन संकेतों को पहचान लिया जाए, तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मल्टीड्रग थेरेपी (MDT) द्वारा कोढ़ का प्रभावी उपचार संभव है। सही समय पर उपचार न मिलने पर यह रोग स्थायी विकलांगता का कारण बन सकता है, जो मरीज के जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

यह भी देखें: हीट वेव से सिर्फ शरीर ही नहीं, आंखें भी हो सकती हैं खराब! जानें आंखों को कैसे बचाएं इस गर्मी में

यह भी देखें Ayurveda for Sleep: बस 5 मिनट में गहरी नींद! एक्सपर्ट ने बताए 3 जड़ी-बूटियां जो दवा से भी ज्यादा असरदार

Ayurveda for Sleep: बस 5 मिनट में गहरी नींद! एक्सपर्ट ने बताए 3 जड़ी-बूटियां जो दवा से भी ज्यादा असरदार

कोढ़ से बचाव के सही तरीके

कोढ़ से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका है शुरुआती चरण में ही इसका पता लगाना और इलाज शुरू कर देना। संक्रमित व्यक्ति के घावों या शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से संक्रमण फैलने का खतरा होता है। इसलिए सतर्कता जरूरी है। व्यक्तिगत स्वच्छता, संतुलित आहार और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने वाले उपायों को अपनाकर भी इस बीमारी से बचा जा सकता है। बच्चों में बीसीजी (BCG) टीकाकरण करवाना एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के रूप में काम कर सकता है, क्योंकि यह टीका कुष्ठ रोग के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है।

उपचार के दौरान मरीज को डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए और फॉलो-अप जांच कराते रहना चाहिए। पॉसीबैसिलरी (PB) संक्रमण में लगभग 6 महीने का इलाज पर्याप्त होता है, जबकि मल्टीबैसिलरी (MB) संक्रमण के लिए 12 महीनों तक उपचार चलाया जाता है। दवाओं का पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है ताकि बीमारी पूरी तरह समाप्त हो जाए और दोबारा न उभरे।

यह भी देखें: हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ाने के लिए खाएं ये चीजें – नेचुरल टिप्स भी जानिए

यह भी देखें Ardha Matsyendrasana Ke Fayde: अर्ध मत्स्येन्द्रासन के ये चमत्कारी फायदे! पीठ दर्द और अपच से मिलेगा तुरंत आराम – जानें सही तरीका

Ardha Matsyendrasana Ke Fayde: अर्ध मत्स्येन्द्रासन के ये चमत्कारी फायदे! पीठ दर्द और अपच से मिलेगा तुरंत आराम – जानें सही तरीका

Photo of author

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें